मरयम नवाज़ ने पासपोर्ट हासिल करने के लिए दायर याचिका वापस ली

punjabkesari.in Wednesday, Apr 27, 2022 - 05:58 PM (IST)

 इस्लामाबाद: पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज़ की उपाध्यक्ष मरयम नवाज़ ने अपना पासपोर्ट वापस लेने के लिए लाहौर उच्च न्यायालय में दायर की गई एक याचिका बुधवार को वापस ले ली। मरयम ने सऊदी अरब में उमरा (मक्का-मदीना की यात्रा) पर जाने के वास्ते पासपोर्ट वापस लेने के लिए याचिका दायर की थी। पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ की 48 वर्षीय बेटी मरयम ने 2019 में भ्रष्टाचार के एक मामले में जमानत हासिल करने के लिए उच्च न्यायालय में अपना पासपोर्ट जमा किया था, क्योंकि राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने आशंका जताई थी कि वह देश से भाग सकती हैं।

 

डॉन न्यूज़ की खबर के मुताबिक, चार पीठों ने उनकी याचिका पर सुनवाई नहीं की थी, क्योंकि न्यायाधीशों ने इस पर सुनवाई करने से खुद को अलग कर लिया था। इसके बाद उन्होंने अपनी याचिका वापस ले ली। न्यायमूर्ति अली बकर नजफी की अध्यक्षता वाली एक विशेष खंडपीठ ने बुधवार को याचिका पर सुनवाई की जिस दौरान मरयम के वकील एडवोकेट अमजद परवेज ने अदालत को बताया कि वह अपनी याचिका वापस लेना चाहती हैं। इसके बाद अदालत ने याचिका का निस्तारण कर दिया। पिछले हफ्ते, न्यायमूर्ति सैयद शाहबाज़ अली रिज़वी और न्यायमूर्ति अनवार उल हक पन्नून की पहली पीठ ने कहा था कि याचिका की सुनवाई न्यायमूर्ति नजफी की अध्यक्षता वाली उसी पीठ को करनी चाहिए, जिसने याचिकाकर्ता को जमानत दी थी।

 

इसके बाद उसने खुद को मामले से अलग कर लिया। न्यायमूर्ति नजफी और न्यायमूर्ति फारूक हैदर की पीठ ने सोमवार को मरयम की याचिका पर नोटिस जारी किया था लेकिन मंगलवार को याचिका पर सुनवाई के लिए आने पर न्यायमूर्ति हैदर ने इस मामले से खुद को अलग कर लिया। लाहौर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद अमीर भट्टी ने याचिका पर सुनवाई के लिए न्यायमूर्ति नजफी और न्यायमूर्ति असजद जावेद घुरल की पीठ का गठन किया। हालांकि न्यायमूर्ति घुरल ने भी इस मामले से खुद को अलग कर लिया।

 

इसके बाद न्यायमूर्ति नजफी और न्यायमूर्ति सरदार अहमद नईम की खंडपीठ ने बुधवार को याचिका पर सुनवाई की। पूर्व सूचना मंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) नेता फवाद चौधरी ने मंगलवार को कहा कि शरीफ परिवार से संबंधित मामलों पर अदालत की आम धारणा "नकारात्मक" है और मुख्य न्यायाधीश को इसे ध्यान में रखना चाहिए। उन्होंने ट्विटर पर कहा था, “ न्यायाधीश मरयम के मामलों की लगातार सुनवाई नहीं कर रहे हैं।” न्यायमूर्ति नजफी और न्यायमूर्ति हैदर की पीठ ने चार नवंबर 2019 को चौधरी चीनी मिल मामले में मरयम को गिरफ्तारी के बाद जमानत दे दी थी। 


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Content Writer

Tanuja

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