इस देश में कोरोना के साथ भुखमरी की मार, घास और टिड्डियां खाने को मजबूर लोग

punjabkesari.in Sunday, May 02, 2021 - 11:26 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः कोरोना वायरस  के कहर के बीच अफ्रीकी देश मैडागास्कार  में लोगों पर मुसीबतों का होरा पहाड़ टूट रहा है। जहां सारी दुनिया कोरना से जंग लड़ रही है वहीं मैडागास्कार के लोगों को इस महामारी  के साथ सूखे की मार भी सहनी पड़ रही है। अकाल जैसे हालात के चलते यहां हजारों लोग जंगली पत्तियां और टिड्डे खाकर भूख मिटाने को मजबूर हैं। लगातार सूखे और धूल के तूफानों के कारण फसलें तबाह हो चुकी हैं जिससे लोग भुखमरी की कगार पर हैं। संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) के सीनियर डायरेक्टर अमेर दाऊदी ने चेतावनी दी है कि मलागसी में बच्चों की जिंदगियां खतरे में हैं। खासकर पांच साल से कम उम्र के बच्चों में कुपोषण चिंताजनक स्तर पर पहुंच गया है।

 

दाऊदी ने मैडागास्कर की राजधानी अन्टाननरीवो से  संयुक्त राष्ट्र को बताया कि वह ऐसे गावों में गए थे जहां लोग जिंदा रहने के लिए टिड्डे, कैक्टस के कच्चे फल और जंगली पत्तियां खाने को मजबूर हैं। दक्षिण मैडागास्कर में सूखा पड़ा है और खाने के साधन नहीं हैं।  उन्होंने  वह भयावह नजारे देखे जहां बच्चे ही नहीं  उनकी माएं, परिवार और पूरे गांव कुपोषित हैं। उन्होंने चेताया कि यहां अकाल का डर है और दुनिया में पहले ऐसे हालात उन्होंने कहीं नहीं देखे।

 
 
बता दें कि मैडागास्कर दुनिया के सबसे गरीब देशों में से एक है। यहां स्वास्थ्य रोजगार से लेकर गरीबी और जलवायु परिवर्तन की मार तक अनेक समस्याएं हैं जिनके चलते यहां के करोड़ों लोग आपदाओं के शिकार हुए हैं।  WFP के अनुसार यहां पैदावार पांच साल के औसत से 40 प्रतिशत कम होने की आशंका है। यहां पांच साल से कम उम्र के बच्चों में कुपोषण 16 प्रतिशत पर पहुंच गया है। यहां लगातार पांच साल से सूखे जैसे हालात हैं जो इस बार और ज्यादा बदतर हो गए हैं। इस क्षेत्र में कम से कम 13.5 लाख लोगों को खाने की सहायता की जरूरत है लेकिन WFP सिर्फ 7.5 लाख तक पहुंच पाया है। उसे सितंबर तक कम से कम 7.5 करोड़ डॉलर की आर्थिक सहायता की जरूरत है ताकि इस आपातकाल में राहत मिल सके।


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Content Writer

Tanuja

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