War Crisis: रूस पर भारी पड़ रहा यूक्रेन ?  चीन की शरण में पुतिन, मांगी सैन्य मदद व रक्षा उपकरण !

punjabkesari.in Monday, Mar 14, 2022 - 12:50 PM (IST)

वाशिंगटन: अमेरिका के एक अधिकारी ने कहा है कि रूस ने चीन से यूक्रेन पर हमले में इस्तेमाल करने के लिए सैन्य उपकरण मांगे हैं। उसके इस अनुरोध ने अमेरिका के शीर्ष सहायकों और चीन की सरकार के बीच रोम में सोमवार को हो रही बैठक के मद्देनजर युद्ध को लेकर तनाव बढ़ा दिया है। वहीं रूस और यूक्रेन में चल रही जंग  को लेकर सवाल उठने लगा है कि क्या यूक्रेन  रूस पर भारी पड़ने लगा है? यह बात इसलिए कही जा रही है क्योंकि युद्ध में रूस को चीन की सहायता की जरूरत पड़ गई है।

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक वरिष्ठ अमेरिकी सैन्य अधिकारी  ने दावा किया है कि रूस ने सैन्य के अलावा ड्रोन की भी मदद चीन से मांगी है।  रूस  ने यह मदद ऐसे समय पर मांगी न है, जब अमेरिका की ओर से सीधे तौर पर चीन को धमकाया गया है। दरअसल, अमेरिका ने रविवार को चीन को चेतावनी जारी की थी। इसके तहत कहा गया था कि, आर्थिक प्रतिबंध झेल रहे रूस की मदद के लिए अगर चीन आगे आता है, तो उसे भी बुरे परिणाम भुगतने होंगे। बताया जा रहा है वित्तीय प्रतिबंध लगने के बाद से रूस आर्थिक तौर पर कमजोर हो रहा है और इसलिए उसे चीन की शरण में जाने की जरूरत पड़ गई। 

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बता दें कि अमेरिका समेत कई बड़े देशों ने रूस के बैंको पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। इतना ही नहीं कई बड़ी कंपनियों ने भी रूस में अपनी सेवा रोक दी है। गोपनीयता की शर्त पर एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि हाल के दिनों में रूस ने चीन से सैन्य उपकरण समेत अन्य मदद मांगी है। इस संबंध में सबसे पहले खबर फाइनेंशियल टाइम्स और द वाशिंगटन पोस्ट ने दी थी। बाइडेन प्रशासन ने चीन पर रूस को लेकर गलत सूचनाएं फैलाने का भी आरोप लगाया है जो रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की सेना के यूक्रेन पर रासायनिक या जैविक हथियारों से हमला करने के लिए एक बहाना हो सकती है।

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बाइडेन प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि बीजिंग रूस के इन गलत दावों का प्रचार कर रहा है कि यूक्रेन अमेरिका की मदद से रासायनिक और जैविक हथियारों की प्रयोगशालाएं चला रहा है। यूक्रेन पर रूस के आक्रमण से चीन अपने दो सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों अमेरिका और यूरोपीय संघ के साथ नाजुक स्थिति में आ गया है। चीन को इन बाजारों तक पहुंच की जरूरत है लेकिन उसने मॉस्को के प्रति भी समर्थन दिखाया है। उसने कहा है कि रूस के साथ उसकी दोस्ती की ‘‘कोई सीमा नहीं’’ है।  


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Content Writer

Tanuja

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