पूर्व चीफ जस्टिस के वायरल ऑडियो से पाक राजनीति में तहलका, सेना के इशारों पर हुई थी नवाज को जेल?

punjabkesari.in Tuesday, Nov 23, 2021 - 12:58 PM (IST)

 इस्लामाबादः पाकिस्तान के पूर्व चीफ जस्टिस साकिब निसार का एक कथित ऑडियो वायरल होने के बाद देश की राजनीति में तहलका मचा हुआ है। इस ऑडियो में साकिब निसार किसी व्यक्ति को नवाज शरीफ और मरियम नवाज को जेल में डालने का आदेश देते सुनाई देते हैं। उन्होंने अपनी बातचीत में इंस्टीट्यूशन शब्द का इस्तेमाल किया है। पाकिस्तान में सेना और ISI को इंस्टीट्यूशन कहा जाता है।

 

ऑडियो में पूर्व चीफ जस्टिस साकिब निसार अपने किसी मातहत को निर्देश देते सुने जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि मियां साहिब (नवाज शरीफ) और उनकी बेटी (मरियम नवाज) को सजा दी जानी चाहिए, भले ही यह अनुचित हो। "यह उचित है या नहीं, यह करना होगा।'' "योग्यता की परवाह किए बिना, हमें यह करना होगा।...और यहां तक कि उनकी बेटी के लिए भी।" जब सामने वाले व्यक्ति ने विरोध किया कि बेटी को सजा नहीं दी जा सकती, तो मुख्य न्यायाधीश निसार ने जवाब दिया कि आप बिल्कुल सही हैं। मैंने "दोस्तों" से बात की कि इस बारे में कुछ किया जाए लेकिन वे नहीं माने। उन्होंने आगे कहा, "न्यायपालिका की कोई स्वतंत्रता नहीं रहेगी, इसलिए रहने दें।'' इस वायरल ऑडियो के सत्यता की पुष्टि स्वतंत्र रूप से नहीं हो सकी है।


इस संबंध में फैक्ट फोकस से बात करते हुए पूर्व जस्टिस साकिब निसार ने कहा कि नवाज शरीफ या उनकी बेटी के खिलाफ फैसला सुनाने का आदेश देने के लिए उन्होंने जवाबदेही अदालत के किसी जज से कभी संपर्क नहीं किया। साकिब निसार ने सवाल करते हुए कहा कि "मैं ऐसा क्यों करूंगा, मुझे मियां नवाज शरीफ से कोई शिकायत नहीं है।" उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना या आईएसआई की ओर से किसी ने भी उनसे संपर्क नहीं किया या इस मामले में उन पर दबाव नहीं डाला।पाकिस्तानी खोजी वेबसाइट फैक्ट फोकस ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि उन्हें यह ऑडियो करीब दो महीने पहले मिला था।

 

उन्होंने दावा किया कि इस ऑडियो की मल्टीमीडिया फोरेंसिक में विशेषज्ञता रखने वाली एक प्रमुख अमेरिकी फर्म गैरेट डिस्कवरी से जांच करवाई गई है। गैरेट डिस्कवरी के पास प्रमुख विशेषज्ञों की एक टीम है, जिनके पास अमेरिका में अदालतों के सामने सबूतों का विश्लेषण करने, पेश करने और गवाही देने का लंबा अनुभव है।इस फर्म ने अपनी रिपोर्ट में इस ऑडियो फाइल की सत्यता की पुष्टि की है। इसका मतलब यह है कि इस फाइल के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं की गई है। हालांकि, आवाज की सत्यता को लेकर किसी तरह की पुष्टि नहीं हुई है। इस रिकॉर्डिंग को 25 जुलाई, 2018 के आम चुनाव से ठीक पहले का बताया जा रहा है। उस समय नवाज शरीफ के खिलाफ जवाबदेही अदालत में सुनवाई चल रही थी।


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Content Writer

Tanuja

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