ट्रंप की मदद वाली रिपोर्ट के खुलासे के बाद पुतिन पर भड़के जो बाइडन, बताया- ''हत्‍यारा''

punjabkesari.in Thursday, Mar 18, 2021 - 10:56 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क: अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया परिषद की एक रिपोर्ट ने दुनियाभर में हलचल मचा दी है। इस रिपोर्ट से भड़के अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को 'हत्यारा' बताते हुए  कहा कि पुतिन को 'कीमत चुकानी' पड़ेगी।  वहीं अमेरिकी राष्‍ट्रपति के इस बयान से नाराज होकर रूस ने नाटकीय तरीके से वॉशिंगटन में मौजूद अपने राजदूत को 'सलाह' के लिए वापस बुला लिया है।


पुतिन ने जो बाइडन के खिलाफ की थी ट्रंप की मदद: रिपोर्ट
दरअसल रिपोर्ट में खुलासा किया गया कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 2020 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडन को कमजोर करने के लिए डोनाल्‍ड ट्रंप की मदद की थी।  खुफिया रिपोर्ट में दावा किया गया कि रूस और ईरान ने चुनाव नतीजों को प्रभावित करने की व्यापक कोशिशें की थीं, लेकिन ऐसा कोई सबूत नहीं मिला कि किसी विदेशी दखल से मतों या मतदान प्रक्रिया पर कोई असर पड़ा हो। 


पुतिन के गलत कामों के नतीजे सामने आयेंगे: बाइडन
राष्ट्रपति जो बाइडन ने एबीसी के कार्यक्रम ‘‘गुड मार्निंग अमेरिका'' पर प्रसारित एक साक्षात्कार में कहा कि पुतिन के गलत कामों के नतीजे सामने आयेंगे और ‘‘वह जो कीमत अदा करने जा रहे है, आप जल्द ही देखेंगे। जब बाइडन से सवाल किया गया कि क्या वे पुतिन को 'हत्यारा' मानते हैं, तो उन्होंने हां में जवाब दिया। राष्ट्रीय खुफिया कार्यालय के निदेशक के कार्यालय से जारी रिपोर्ट में अमेरिका में 2020 में हुए चुनावों में विदेशी दखल का विस्तृत आकलन दिया गया है। रिपोर्ट में कहा गया कि ईरान ने मतदान पर विश्वास कम करने और ट्रंप के फिर से राष्ट्रपति बनने की संभावनाओं को नुकसान पहुंचाने की कोशिशें की। 

 

चीन ने चुनाव में दखल नहीं दिया: रिपोर्ट 
मंगलवार को आई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने चुनाव में दखल नहीं दिया। अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि उनका मानना है कि चीन अमेरिका के साथ स्थिर संबंध को अहमियत देता है और उसने चुनाव में हस्तक्षेप करके इसमें पकड़े जाने का किसी तरह का जोखिम नहीं उठाया। रूस ने हालांकि रिपोर्ट को निराधार बताते हुए इसे खारिज किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जहां रूस ट्रंप की दोबारा जीत की संभावनाओं को बढ़ाना चाहता था, वहीं ईरान ने उनके समर्थन को कम करने के लिए 'कई तरह के गोपनीय अभियान' चलाए थे।


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vasudha

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