चीन में उग्र प्रदर्शनों के बीच अमेरिका ने कहा- जिनपिंग जानबूझ कर बेहतर कोविड वैक्सीन नहीं इस्तेमाल करना चाहते

punjabkesari.in Monday, Dec 05, 2022 - 04:06 PM (IST)

शंघाई: चीन में लॉकडाउन खिलाफ उग्र प्रदर्शनों के बीच अमेरिका ने आोरप लगाया  है कि  चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिं जानबूझ कर बेहतर कोविड वैक्सीन का इस्तेमाल  नहीं करना चाहते हैं। चीन में कोविड-19 पर नियंत्रण के लिए कड़े लॉकडाउन के खिलाफ शंघाई में छोटे से प्रदर्शन से इसकी शुरुआत हुई और धीरे-धीरे इसमें हजारों लोग शामिल होते गए।  अमेरिका के नेशनल इंटेलिजेंस के निदेशक एवरिल हैन्स ने कहा कि हालांकि हाल के विरोध प्रदर्शनों से कम्युनिस्ट पार्टी के शासन को खतरा नहीं है, लेकिन वे शी जिनफिंग की व्यक्तिगत स्थिति को प्रभावित कर सकते हैं।

 

चीनी नेता ने COVID-19 के साथ चीन के सामने आने वाली चुनौतियों के बावजूद पश्चिमी टीकों से इंकार कर दिया है।  व्हाइट हाउस ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि चीन ने अमेरिका से टीके के लिए नहीं कहा था। व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के रणनीतिक संचार समन्वयक जॉन किर्बी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अमेरिका ने इस वक्त चीन को किसी प्रकार की मदद देने की पेशकश नहीं की है। उन्होंने कहा, 'हम दुनियाभर में कोविड-19 रोधी टीकों के सबसे बड़े आपूर्तिकर्ता हैं। हमारे टीकों को प्राप्त करने में न तो चीन की कोई दिलचस्पी दिखी है और न ही उससे कोई अनुरोध मिला है।'

 

एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि 'वर्तमान में कोई उम्मीद नहीं थी कि चीन पश्चिमी टीकों को मंजूरी देगा। अधिकारी ने आगे कहा, इस समय ऐसा लगता नहीं है कि चीन पश्चिमी टीकों को मंजूरी देगा। अगर वे ऐसा करते हैं तो उन्हें उनके इस कदम पर काफी सराहा जाएगा।' मीडिया रिपोर्ट के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने एक अपार्टमेंट में आग लगने की घटना में मारे गए लोगों की याद में शंघाई में मोमबत्ती जलाई और फूल चढ़ाए। चीन के पश्चिमी शहर उरुमकी में एक अपार्टमेंट में आग लगने की घटना के मद्देनजर किसी ने तख्तियों पर लाल रंग में ‘‘उरुमकी, 11.24, रेस्ट इन पीस'' लिख दिया। आग की घटना से कोविड-19 को नियंत्रित करने के लिए लगाए गए कठोर लॉकडाउन के नियमों को लेकर लोगों को गुस्सा फूट पड़ा। पिछले सप्ताहांत छोटे से प्रदर्शन से इसकी शुरुआत हुई लेकिन बाद में सैकड़ों लोगों की भीड़ इससे जुड़ती गई। 


एक महिला ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ‘इस्तीफा दो' के नारे लगाए और अन्य लोगों ने उसका अनुसरण किया। इसके बाद पुलिस हरकत में आई और प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई की। शंघाई में 26 नवंबर को हुआ प्रदर्शन कोई पहला और सबसे बड़ा नहीं था। लेकिन पहली बार मुखर तरीके से चीनी नेतृत्व में बदलाव का आह्वान किया गया। सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के खिलाफ दशकों में पहली बार इस तरह लोगों का आक्रोश दिखा। कई राष्ट्रवादी व्लॉगर ने प्रदर्शन के पीछे विदेशी ताकतों का हाथ होने का अंदेशा जताया और सरकार ने अस्थिर करने वाली ताकतों के खिलाफ कार्रवाई की बात की। लेकिन यह प्रदर्शन दिनों दिन बड़ा होते गया। चीन की ‘‘शून्य कोविड'' नीति के तहत लॉकडाउन को लेकर देश में प्रदर्शन जिस तरह भड़का, उसकी किसी को उम्मीद नहीं थी ना तो प्रशासन को ना पुलिस को और ना ही प्रदर्शनकारियों को भी। 


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Content Writer

Tanuja

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