इसराईल में 5 माह में दूसरी बार आम चुनाव के लिए मतदान, नेतन्याहू जीते तो बनेगा नया रिकार्ड

punjabkesari.in Tuesday, Sep 17, 2019 - 04:30 PM (IST)

यरुशलमःइसराईल के नागरिकों ने देश में पांच महीने में दूसरी बार हुए आम चुनाव में मंगलवार को वोट डाले। इस चुनाव को मौजूदा प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के नेतृत्व पर एक जनमत संग्रह के तौर पर देखा जा रहा है। मंगलवार सुबह सात बजे मतदान शुरू हुआ। इसके लिए करीब 63 लाख योग्य मतदाता हैं। मतदाता 22 वीं इजराइली संसद को निर्वाचित करने के लिए रात 10 बजे तक वोट डाल सकते हैं। अप्रैल के चुनावों में 120 सदस्यीय संसद में 61 सदस्यों का गठबंधन बनाने में नेतन्याहू (69) के नाकाम रहने के चलते मध्यावधि चुनाव की जरूरत पड़ी। इस चुनाव में हर किसी की नजरें प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर लगी हैं। चुनाव का नतीजा अगर उनके पक्ष में आता है तो वे रिकॉर्ड पांचवीं बार देश के मुखिया बनेंगे।  पिछले बार हुए चुनावों में किसी को भी बहुमत नहीं मिला था।

PunjabKesariइसराईली रक्षा बलों के लिए मतदान देश के विभिन्न सैन्य अड्डों पर शनिवार शाम शुरू हो गया था और विदेशों में नियुक्त इसराईली राजनयिक अपना वोट डाल चुके हैं। केंद्रीय चुनाव समिति के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ओर्ली अदास ने कहा, ‘‘नौ अप्रैल के चुनाव के बाद से अब तक संक्षिप्त अवधि में योग्य मतदाताओं की संख्या में एक फीसदी की वृद्धि हुई है।'' इस चुनाव को नेतन्याहू के लिए सबसे कड़ी राजनीतिक चुनौती के तौर पर और उनके 10 साल के निर्बाध नेतृत्व के भविष्य में भी जारी रहने के लिए इसे एक जनमत संग्रह के तौर पर देखा जा रहा।
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इस चुनाव में दक्षिणपंथी लिकुड पार्टी के नेता एवं इजराइल के सबसे लंबे कार्यकाल वाले प्रधानमंत्री नेतन्याहू का मुकाबला पूर्व सैन्य प्रमुख बेंजामिन ‘बेनी' गांत्ज के साथ है, जो मध्यमार्गी ब्लू एंड व्हाइट पार्टी से हैं। पिछले कई बरसों में नेतन्याहू के वह सबसे मजबूत प्रतिद्वंद्वी हैं। नेतन्याहू ने अपनी पत्नी के साथ यरुशलम में वोट डाला। वहीं, गांत्ज ने अपना वोट डालने के दौरान देश से भ्रष्टाचार और चरमपंथ को खारिज करने की अपील की। गांत्ज ने कहा, ‘‘हम नई उम्मीद चाहते हैं। हम आज बदलाव के लिए वोट डाल रहे हैं।''

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इसराईल के राष्ट्रपति आर. रिवलिन ने मंगलवार सुबह एक वीडियो संदेश में कहा, ‘यथाशीघ्र इजराइल में एक निर्वाचित सरकार पाने के लिए हर कदम उठाने तथा एक और चुनाव प्रचार टालने का मैं संकल्प लेता हूं।'' अंतिम चुनाव सर्वेक्षण में लिकुड पार्टी और उसके मुख्य प्रतिद्वंद्वी ब्लू एंड व्हाइट पार्टी के बीच कांटे का मुकाबला बताया गया है।इससे पहले नेतन्याहू की सहयोगी दलों के साथ मिलकर सरकार बनाने का सपना उस समय टूट गया, जब सभी के लिए सेना में नौकरी को अनिवार्य बनाने की मांग करते हुए उनके सहयोगी दल एविग्डोर लिबरमैन ने उन्हें समर्थन देने से इंकार कर दिया था। बता दें कि बेंजामिन नेतन्याहू पर हाल के दिनों में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। हालांकि, वो नेतन्याहू की तरफ से इन सभी आरोपों का खंडन किया जाता रहा है।

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इसराईल में होने वाले चुनाव उनका राजनीतिक भविष्य तय करेंगे। साथ ही अगर उनकी प्रचंड बहुमत से सरकार बनती है तो उन्हें कानूनी पचड़ों से भी राहत मिल सकती है। गौरतलब है कि इसराईल के प्रधानमंत्री नौ सितंबर को एकदिवसीय भारत दौरे पर आने वाले थे, लेकिन चुनावों में व्यस्तता के कारण उन्हें यह दौरा रद्द करना पड़ा। इससे पहले अप्रैल में हुए चुनावों के कारण भी अपना भारतीय दौरा रद्द करना पड़ा था। दुनिया के तमाम नेताओं के साथ संबंधों में मजबूती दिखाने के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फोटो का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए किया था।


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Tanuja

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