नेपाल में भी श्रीलंका जैसे हालात !  ईंधन के पड़े लाले, सरकार ने विदेशी नागरिकों से मांगी मदद

punjabkesari.in Monday, Apr 18, 2022 - 11:35 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः  चीन के कारण भारत का एक और पड़ोसी देश नेपाल भी श्रीलंका की तरह ही  आर्थिक मंदहाली की गर्त में डूबता नजर आ  रहा है। नेपाल भी श्रीलंका जैसे आर्थिक संकट के हालातों का सामना कर रहा है इसका अंदाजा नेपाल के वित्त मंत्री जनार्दन शर्मा  के शनिवार को दिए बयान से लगाया जा रहा है जिसमें उन्होंने कहा कि विदेशों में रहने वाले नागरिक इस संकट की घड़ी में  विदेशी पैसे के साथ नेपाल की मदद करें।

 

नेपाल सरकार ने विदेशों में रह रहे नेपालियों से कहा है कि आर्थिक संकट से गुजर रहे अपने देश के बैंकों में वे डॉलर खाते (विदेशी मुद्रा खाते) खुलवाएं और निवेश करें। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण पर्यटन घटने से नेपाल के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आई है। जानकारों का मानना है कि चीन के ऋण जाल में फंसे एशियाई देश गंभीर आर्थिक संकट में फंसते जा रहे हैं। इनमें पाकिस्तान, श्रीलंका, मलेशिया और नेपाल खास तौर पर शामिल हैं। हालांकि नेपाल सरकार ईंधन संकट के लिए रूस-यूक्रेन युद्ध को जिम्मेदार बता रही  है लेकिन असल में चीनी कर्ज नेपाल की बर्बादी का कारण बनता जा रहा है। 

 

प्रवासी नेपाली संघ (एनआरएनए) द्वारा आयोजित एक डिजिटल कार्यक्रम में नेपाल के वित्त मंत्री जनार्दन शर्मा ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रवासी नेपालियों द्वारा नेपाल के बैंकों में डॉलर खाते खोलने से देश को विदेशी मुद्रा की कमी के संकट से उबरने में मदद मिलेगी।  नेपाल सरकार ईंधन की खपत को कम करने के लिए इस महीने सार्वजनिक क्षेत्र के कार्यालयों में दो दिन की छुट्टी घोषित करने पर विचार कर रही है। नेपाल विदेशी मुद्रा संकट और पेट्रोलियम उत्पादों की आसमान छूती कीमतों से जूझ रहा है। कैबिनेट सूत्रों ने बताया कि सेंट्रल बैंक ऑफ नेपाल और नेपाल ऑयल कॉरपोरेशन ने सरकार को दो दिन का सरकारी अवकाश देने की सलाह दी है।

 

करीब एक महीने से जारी रूस-यूक्रेन युद्ध के परिणामस्वरूप वैश्विक तेल की कीमतों में भारी वृद्धि हुई है क्योंकि रूसी तेल पर प्रतिबंध लगाया गया है। अन्य प्रमुख तेल उत्पादक ईरान और वेनेजुएला को भी पेट्रोलियम बेचने पर प्रतिबंधों का सामना करना पड़ रहा है। कोविड-19 महामारी के कारण अंतरराष्ट्रीय यात्रा ठप होने के बाद पर्यटन पर निर्भर नेपाल अपने विदेशी भंडार में गिरावट का सामना कर रहा है। अधिकारियों ने कहा कि सरकार इस सलाह में नेपाल ऑयल कॉरपोरेशन के लिए महत्वपूर्ण बचत देखती है जो सब्सिडी दरों पर ईंधन बेच रही है और वर्तमान वैश्विक दरों पर भारी नुकसान उठा रही है। 

 

 दक्षिण एशियाई अर्थव्यवस्थाओं के हालिया संकट कई सबक और चेतावनी भी देते हैं। भौतिक विकास और उफनती जन आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए विदेशी ऋण, सहायता और अनुदान जैसे रास्ते ज़रूरी हो सकते हैं, लेकिन वे एक वित्तीय अनुशासन और ऐसे मैकेनिज्म की मांग करते हैं, जिससे यह कर्ज़ आगे चलकर जी का जंजाल न बन जाए।


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Content Writer

Tanuja

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