चीन-दक्षिण अफ्रीका में फर्जी कोरोना वैक्सीन से बांटी जा रही ‘मौत’, इंटरपोल ने खोली पोल
punjabkesari.in Thursday, Mar 04, 2021 - 05:43 PM (IST)
इंटरनेशनल डेस्कः एक तरफ पूरी दुनिया कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए वैक्सीनेशन अभियान में जुटी है और दूसरी ओर फर्जी वैक्सीन के मामलों ने लोगों की टेंशन बढ़ा दी है। वैक्सीनेशन शुरू होने के बाद कई देशों में फर्जी वैक्सीन का फंडाफोड़ हो चुका है। ताजा मामला चीन व दक्षिण अफ्रीका से जुड़ा है जहां फ्रांस के ल्योन (Lyon) में स्थित ‘इंटरनेशनल क्रिमिनल पुलिस ओर ऑर्गेनाइजेशन’ (इंटरपोल) ने चीन हजारों फर्जी वैक्सीनों को जब्त कर इस मामले में दर्जनों लोगों को गिरफ्तार किया है। इंटरपोल पुलिस फोर्स और अपराध रोकने वाली इकाइयों के सहयोग से जुर्म का सफाया करता है ।
चीन में पुलिस ने एक फैक्ट्री में फर्जी कोरोना वैक्सीन बना रहे 80 लोगों को गिरफ्तार कर लगभग तीन हजार फर्जी वैक्सीन खुराक को जब्त किया है। दूसरी ओर, दक्षिण अफ्रीका के गोटैंग में स्थित एक वेयरहाउस से 3 चीनी नागरिकों और एक जाम्बियन नागरिक को हिरासत में लिया गया है। इस वेयरहाउस से 2400 फर्जी वैक्सीन को जब्त किया गया है।
दक्षिण अफ्रीका में फर्जी वैक्सीन को लेकर स्थानीय अखबार ‘संडे टाइम्स’ ने दिसंबर के अंत में जानकारी दी थी। इंटरपोल के बुधवार को जारी किए गए बयान में इस गिरोह की जानकारी दी गई। इंटरपोल ने कहा अभी तक जितनी भी वैक्सीनों को प्रयोग की अनुमति दी गई है उनकी अभी बाजार में बिक्री नहीं हो रही है। वेबसाइट और डार्क वेब पर प्रचार की जाने वाली किसी भी वैक्सीन को सही नहीं माना जाएगा। ऐसी वैक्सीन बिना किसी परीक्षण के बनाई गई हो सकती है और ये लोगों के लिए खतरनाक हो सकती है।
गौरतलब है कि फर्जी वैक्सीन का भंडाफोड़ ऐसे समय में हुआ है जब 25 लाख से अधिक लोग वायरस के चलते जान गंवा चुके हैं और 11 करोड़ से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं। कोरोनावायरस महामारी पर काबू पाने के लिए वैक्सीन एक मुख्य हथियार है। ऐसे में वैक्सीन की मौजूदा खुराक को हासिल करने के लिए दुनियाभर के देशों के बीच होड़ लगी हुई है। हाल के दिनों में कई वैक्सीनों को इस्तेमाल की मंजूरी दी गई है।