2012 के मुकाबले ज्यादा खुश नहीं हैं रूस के लोग, अर्थव्यवस्था 7 फीसदी छोटी होने का अनुमान

punjabkesari.in Friday, Apr 08, 2022 - 11:54 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क: यूक्रेन के साथ रणभूमि में उलझे रूस के नागरिकों के हालात अच्छे नहीं हैं। व्लादिमीर पुतिन ने जब 2012 में सत्ता संभाली तो लोगों ने समृद्ध और खुशहाल जीवन जीना शुरू कर दिया था, लेकिन हाल ही की एक रिपोर्ट कहती है कि 2012 के मुकाबले 2017 के बाद रूस के लोग ज्यादा खुशहाल नहीं हैं।  व्लादिमीर पुतिन रूस की राजनीति पर पिछले दो दशकों से हावी हैं। अपने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान उन्होंने रूस के आर्थिक उछाल, सैन्य विस्तार और प्रमुख ताकत के तौर पर रूस की पुन: स्थापना की निगरानी की है। जबकि अब हालात यह हैं कि दुनिया या विशेष रूप से समृद्ध देशों के साथ तुलना की जाती है, तो रूस की गिरावट और भी खराब दिखती है। पिछले एक दशक में उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में रूस के सकल घरेलू उत्पाद में 22 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। दुनिया भर में समग्र रूप से इसमें 41 प्रतिशत की वृद्धि हुई। ऐसा माना जा रहा है कि वर्ष के अंत तक रूस की अर्थव्यवस्था 2012 की तुलना में 7 प्रतिशत छोटी हो जाएगी। रूस ने विकास का एक दशक खो दिया है और यह अतीत में जा रहा है।

ऐसे लगा था अर्थव्यवस्था को पहला झटका
रूस की अर्थव्यवस्था को पहली बार 2014 में झटका तब लगा जब क्रीमिया के विलय का रूस में उत्साह के साथ स्वागत किया गया, लेकिन इसने प्रतिबंधों की लहर ला दी और तेल की कीमतों में गिरावट शुरू हो गई। बाद की मंदी ने अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित किया। इस दौरान  विशेष रूप से आधी आबादी के सबसे गरीब लोगों की औसत आय में गिरावट आई। हालांकि प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद 2018 तक पलट गया था। लक्ज़मबर्ग आय अध्ययन के अनुसार लोग 2019 में अपने 2012 के शिखर के मुकाबले 10 प्रतिशत कम थे। वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट सर्वेक्षणों के आधार पर लोगों से यह पूछने के लिए कि वे अपने जीवन के बारे में कैसा महसूस करते हैं, तो यह पाया गया कि रूस में मूड खराब हो गया है। 2017 के बाद से रूसियों ने खुद को 2012 की तुलना में कम खुश बताया।

महामारी के बाद अब युद्ध में मर रहे हैं सैनिक
कोविड महामारी के दौरान भी रूस की आधिकारिक कोविड -19 मृत्यु दर के आंकड़े भ्रामक बताया जाते हैं। जबकि एक रिपोर्ट के अनुमानों के मुताबिक इसकी वास्तविक मृत्यु दर दुनिया में सबसे अधिक है। ऐसा माना जाता है कि करीब 12 लाख लोग  कोविड महामारी में मारे गए हैं। घटती जन्म दर और प्रवास के साथ देश की जनसंख्या अब 2012 की तुलना में कम है। अकेले 2021 में देश की जनसंख्या में 693,000 या लगभग 0.5 प्रतिशत की गिरावट आई है। रूस-यूक्रेन युद्ध ने स्थिति को और खराब कर दिया है। हालांकि हताहतों की संख्या अनिश्चित है लेकिन कोविड -19 से होने वाली मौतों की तुलना में कम है। मरने वाले सैनिक ज्यादातर युवा हैं। युद्ध के दौरान तनावपूर्ण माहौल ने रूस की अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है। अब तक आर्थिक गिरावट उम्मीद से कम हानिकारक रही है, लेकिन अधिकांश विश्लेषकों को उम्मीद है कि आने वाले महीनों में यह और खराब हो जाएगी। आईएमएफ ने रूस के लिए एक खराब मंदी की भविष्यवाणी की है। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Anil dev

Recommended News

Related News