पूरी दुनिया पर राज करने वाले ब्रिटेन में भी पड़े खाने के लाले, लोग खाली पेट सोने को मजबूर

punjabkesari.in Wednesday, May 11, 2022 - 05:17 PM (IST)

लंदनः महंगाई की मार से भारत ही नहीं पूरी दुनिया के लोग त्रस्त हैं। यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद पूरी दुनिया में महंगाई बढ़ी है। खासकर खाने पीने की चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं। तेल की कीमतों में बढ़ोतरी से हर चीज की कीमत बढ़ी हैं और कंपनियां इस बढ़ी हुई लागत का बोझ उपभोक्ताओं पर डाल रही हैं। कभी पूरी दुनिया पर राज करने वाले ब्रिटेन के लोग भी इसकी मार से नहीं बच पाए हैं। देश में हालात इतने खराब हैं कि लोगों को खाने के लाले पड़ गए हैं।

 

ब्रिटेन में खाने-पीने की चीजों के दाम बढ़ने कारण लोगों को एक समय का खाना छोड़ना पड़ रहा है। यही नहीं कई लोगों को तो पूरे दिन भूखे पेट ही रहना पड़ रहा है। यह खुलासा फूड फाऊंडेशन  के एक ऑनलाइन सर्वे में हुआ है। सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन में मंहगाई के चलते  हरेक सात में से एक आदमी को एक वक्त का खाना छोड़ना पड़ रहा है या डाइट से कम खाना पड़ रहा है। ब्रिटेन में एक साल में महंगाई में सात फीसदी की तेजी आई है जो 30 साल में सबसे अधिक है। बैंक ऑफ इंग्लैंड ने आशंका जताई है कि अगले कुछ महीनों में महंगाई 10 फीसदी पर पहुंच सकती है। तेल और खाने-पीने की चीजों की कीमत में बढ़ोतरी ने हर घर का बजट बिगाड़ दिया है।

 

सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक लोग फूड बैंक्स से ज्यादा से ज्यादा कूल फूड ले रहे हैं। उन्हें डर है कि कुकिंग आइटम्स से उनका एनर्जी की लागत बढ़ जाएगी।  एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक YouGov की रिसर्च में 22 से 29 अप्रैल के बीच 10,674 लोगों के बीच यह सर्वे कराया गया था। पिछले तीन महीनों में ऐसे लोगों की संख्या 57 फीसदी बढ़ी है जो खाना खरीदने में सक्षम नहीं हैं। सर्वे में शामिल 14 फीसदी लोगों ने कहा कि पिछले एक महीने में उन्होंने या उनके परिवार में किसी ने भरपेट खाना नहीं खाया या भूखे ही रहे। जनवरी में हुए एक ऐसे ही सर्वे में 8.8 फीसदी लोगों ने यह बात कही थी।

 

फूड फाऊंडेशन की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर ऐना टेलर ने कहा कि देश तेजी से आथिक संकट से स्वास्थ्य संकट की ओर बढ़ रहा है। फूड बैंक्स से यह समस्या हल होने वाली नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार को   समझना चाहिए कि कई परिवारों के लिए जहाज डूब रहा है और इस स्थिति को दुरुस्त करने की जरूरत है। एमरजेंसी फूड पार्सल्स से काम नहीं चलेगा। सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि  लोगों की मदद के लिए अगले वित्त वर्ष में हम एनर्जी बिल में लोगों को सपोर्ट करने और फ्यूल पर ड्यूटी कम करने के लिए 22 अरब पौंड खर्च करने जा रहे हैं। साथ ही गरीबों को सालाना अतिरिक्त 1000 पौंड दिए जा रहे हैं। शेडो वर्क एंड पेंशन्स सेक्रेटरी जोनाथन एश्वर्थ ने कहा कि इस सर्वे से साफ है कि लोगों की हालत खराब है। 


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Content Writer

Tanuja

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