मुस्लिम समूह IAMC इल्हान उमर के भारत विरोधी प्रस्ताव से खुश, अमेरिकी हिंदू निकाय ने किया विरोध

punjabkesari.in Saturday, Jun 25, 2022 - 11:58 AM (IST)

वाशिंगटन: अमेरिका के एक मुस्लिम संगठन ‘इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल’ (IAMC) ने डेमोक्रेटिक पार्टी की सांसद इल्हान उमर की प्रतिनिधि सभा में एक ऐसा प्रस्ताव पेश करने के लिए सराहना की है, जिसमें कथित तौर पर अल्पसंख्यकों खासतौर पर मुसलमानों के मानवाधिकारों के हनन के लिए भारत की आलोचना की गई है। अमेरिकी सांसद रशीदा तालिब और जुआन वर्गास द्वारा सह-प्रायोजित, प्रस्ताव में विदेश मंत्रालय से अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग (USCIRF ) की सिफारिशों को लागू करने का आग्रह किया गया है, और अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत भारत को विशेष चिंता वाला देश (CPC) घोषित करने की मांग की गई है।

 

विदेश मंत्रालय USCIRF की अनुशंसाओं को मानने के लिए बाध्य नहीं है और पिछले कई वर्षों में कई प्रशासनों ने इसकी अनुशंसाओं को कोई खास तवज्जो नहीं दी है।  IAMCने एक बयान जारी करके उमर और दो अन्य सांसदों की इस प्रस्ताव को पेश करने के लिए सराहना की है। संगठन के अध्यक्ष सैयद अफजल अली ने कहा, ‘‘ यह देखना दुखद है कि जिस देश से हम प्यार करते है वह अपने सबसे कमजोर नागरिकों के साथ भेदभाव कर रहा है और कट्टरता, असहिष्णुता के मार्ग पर चल रहा है।’’ हालांकि, इस तरह के प्रस्ताव के पारित होने की उम्मीद न के बराबर है, खासतौर पर सांसद उमर के प्रतिशोधी रुख को देखते हुए। उन्होंने कई मौकों पर भारत के मुद्दे पर पाकिस्तानी अधिकारियों का खुलकर साथ दिया है।

 

बता दें कि भारत से जुड़ी कांग्रेस की कई सुनवाइयों में भी उमर ने लगातार भारत विरोधी रुख दिखाया है। उमर का प्रस्ताव भारत में कथित मानवाधिकारों के उल्लंघन और अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन की निंदा करता है, जिसमें मुसलमानों, ईसाइयों, सिखों, दलितों, आदिवासियों और अन्य धार्मिक एवं सांस्कृतिक अल्पसंख्यकों को ‘‘लक्षित’’ करना शामिल है। इसमें भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ ‘‘खराब सलूक’’ पर गंभीर चिंता व्यक्त की गई है। इससे पहले भारत ने धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट में उसकी आलोचना को खारिज करते हुए कहा था कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों में भी ‘‘वोट बैंक की राजनीति’’ की जा रही है।

 

उधर,अमेरिका स्थित एक हिंदू निकाय ने शुक्रवार को अमेरिकी संसद से इस सप्ताह महिला सांसद इल्हान उमर द्वारा पेश किए गए “हिंदूफोबिक” (हिंदुओं से भय वाले) प्रस्ताव को खारिज करने का आग्रह करते हुए कहा कि यह “अनुचित और बेईमानीपूर्वक” भारत के मानवाधिकार रिकॉर्ड की निंदा करता है। सांसद रशीदा तालिब और जुआन वर्गास द्वारा सह-प्रायोजित, प्रस्ताव में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन से अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग (यूएससीआईआरएफ) की सिफारिशों पर कार्रवाई करने और अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत भारत को विशेष चिंता वाला देश (सीपीसी) घोषित करने की मांग की।  


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Content Writer

Tanuja

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