भारत की दो टूक- श्रीलंका राष्ट्रपति चुनाव में कोई हस्तक्षेप नहीं, खबरें निराधार

punjabkesari.in Thursday, Jul 21, 2022 - 11:59 AM (IST)

कोलंबोः भारत ने श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव में द्विपीय देश के नेताओं को राजनीतिक स्तर पर प्रभावित करने संबंधी खबरों को "निराधार" और "कोरी अटकलें" करार देते हुए बुधवार को साफ शब्दों में कहा कि वह किसी अन्य देश के आंतरिक मामलों और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में हस्तक्षेप नहीं करता है। कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे को बुधवार को संसद द्वारा श्रीलंका का नया राष्ट्रपति चुना गया। इससे पहले श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति एवं विक्रमसिंघे के पूर्ववर्ती गोटबाया राजपक्षे देश छोड़कर चले गए और अर्थव्यवस्था के कुप्रबंधन को लेकर उनकी सरकार के खिलाफ जनता के विद्रोह के बाद पद से इस्तीफा दे दिया था।

 

कोलंबो स्थित भारतीय उच्चायोग ने कई ट्वीट करके कहा, ‘‘हमने श्रीलंका की संसद में राष्ट्रपति चुनाव के संबंध में श्रीलंकाई नेताओं को प्रभावित करने के भारत के राजनीतिक स्तर पर प्रयासों के बारे में मीडिया में निराधार और कोरी अटकलों वाली खबरें देखी हैं।’’ उच्चायोग ने ट्वीट में कहा, ‘‘(हम) मीडिया की इन खबरों को पूरी तरह से झूठा करार दते हैं। वे स्पष्ट रूप से किसी की कल्पना पर आधारित हैं।’’ उच्चायोग ने दोहराया कि भारत लोकतांत्रिक साधनों और मूल्यों, स्थापित संस्थानों के साथ-साथ संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार श्रीलंका के लोगों की आकांक्षाओं की पूर्ति का समर्थन करता है, "और किसी अन्य देश के आंतरिक मामलों और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में हस्तक्षेप नहीं करता है।’’

 

छह बार देश के प्रधानमंत्री रह चुके विक्रमसिंघे (73) को 225 सदस्यीय सदन में 134 सदस्यों के मत हासिल हुए, वहीं उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी डलास अल्हाप्पेरुमा को 82 मत मिले। वामपंथी जनता विमुक्ति पेरामुना (जेवीपी) के नेता अनुरा कुमारा दिसानायके को महज तीन वोट मिले। नये राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के बाकी कार्यकाल को पूरा करेंगे जो नवंबर 2024 में समाप्त होगा।


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Content Writer

Tanuja

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