पाकिस्तान में नए सख्त साइबर अपराध कानून को लेकर मचा बवाल, निशाने पर इमरान सरकार

punjabkesari.in Wednesday, Feb 23, 2022 - 05:16 PM (IST)

इस्लामाबाद: पाकिस्तान में नए सख्त साइबर अपराध कानून को लेकर बवाल मचा हुआ है और इमरान सरकार निशाने पर है। इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) सरकार   इस बार  इलेक्ट्रानिक अपराध रोकथाम अधिनियम 2016 (पीईसीए) में संशोधन को लेकर निशाने पर है।  विपक्ष, पत्रकारों और न्यायपालिका से समान रूप से सरकार को भारी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद रविवार को राष्ट्रपति आरिफ अल्वी द्वारा हस्ताक्षरित एक अध्यादेश के माध्यम से नए कानूनों को पारित किया गया।

 

अध्यादेश के तहत किसी भी कंपनी, एसोसिएशन, संस्थान, संगठन, प्राधिकरण, या किसी अन्य को शामिल करने के लिए व्यक्ति की परिभाषा को विस्तृत किया गया है। इसके अलावा किसी व्यक्ति की पहचान पर हमला करने का दोषी पाए जाने पर अब तीन साल के बजाय पांच साल की सजा दी जाएगी। देश के चुनाव कानूनों में भी संशोधन किया गया था, जिससे संविधान या किसी अन्य कानून के तहत किसी भी व्यक्ति को 'किसी भी क्षेत्र या निर्वाचन क्षेत्र' में सार्वजनिक सभाओं में जाने या संबोधित करने की अनुमति मिलती है।

 

इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने सोमवार को संघीय जांच एजेंसी (FIA) को आतंकवाद विरोधी अधिनियम (एटीए) और इलेक्ट्रानिक अपराध रोकथाम अधिनियम को गलत तरीके से लागू करने के लिए फटकार लगाई। न्यायाधीश मिनल्लाह ने कहा कि 'क्या आपको लगता है कि कानून का कोई शासन नहीं है?' साथ ही उन्होंने पूछा कि 'क्या इस देश में मार्शल ला लगा दिया गया है?' इस बीच, पाकिस्तान में विपक्षी दल इमरान खान सरकार को हटाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव लाने की योजना बना रहे हैं।

 

कानून की निंदा करते हुए विपक्षी दलों, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PMLN-N) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) ने कहा कि अध्यादेश के माध्यम से कानून एक राष्ट्रीय बहस को नकारने और संसद को कानून के संवैधानिक अधिकार से वंचित करने के बराबर है। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PMLN-N) की उपाध्यक्ष मरियम नवाज ने उर्दू में ट्वीट करते हुए कहा कि यह सरकार जो भी कानून बना रही है वह मीडिया और विपक्ष को चुप कराने के लिए है, लेकिन इन कानूनों का इस्तेमाल इमरान एंड कंपनी के खिलाफ होने जा रहा है। यह मत कहो कि तुम्हें चेतावनी नहीं दी गई थी।

 

वहीं, सीनेट में PPP के संसदीय नेता शेरी रहमान ने कहा कि यह फेक न्यूज को नियंत्रित करने के बारे में नहीं है, बल्कि आलोचना को बंद करने के बारे में है। पाकिस्तानी अखबारों ने यह कहते हुए छापा कि पीटीआइ ने अपने कठोर और लोकतांत्रिक अधिकारों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के दमन के साथ भय का गणतंत्र बनाया है।
 


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Content Writer

Tanuja

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