चीन की दादागीरी ! वर्ल्ड बैंक पर दबाव डालकर बढ़वाई डूइंग बिजनेस में अपनी रैंकिंग
punjabkesari.in Saturday, Sep 18, 2021 - 04:12 PM (IST)
बीजिंगः दुनिया की सबसे बड़ी ताकत बनने का सपना पूरा करने के लिए चीन किसी भी हद तक जा सकता है। अपनी महत्वकांशी योजनाओं को पूरा करने के जल-थल व हवाई क्षेत्रों में सिरदर्द बन चुका चीन अब बिजनेस मामलों में भी दादागिरी पर उतर आया है। चीन की एक हरकत ने दुनिया भर में कारोबारी सुगमता के लिए पैमाना माने जाने वाली वर्ल्ड बैंक की डूइंग बिजनेस रिपोर्ट की विश्वसनीयता पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। एक स्वतंत्र जांच में वर्ल्ड बैंक की ओर से 2018 की रिपोर्ट तैयार करने में चीनी दबाव के चलते हेरफेर करने की बात सामने आई है। इससे दुनिया भर में लोग हैरान हैं और विश्व बैंक की निष्पक्षता पर सवाल खड़े हुए हैं।
बैंक की एथिक्स कमेटी के कहने पर लॉ फर्म विल्मरहेल की ओर से तैयार की गई रिपोर्ट में वर्ल्ड बैंक पर चीन के दबाव को लेकर चिंता जताई गई है। इसके अलावा IMF की तत्कालीन चीफ एग्जीक्यूटिव क्रिस्टालिना जॉर्जिवा को लेकर सवाल खड़े किए गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक फिलहाल अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष में मैनेजिंग डायरेक्टर का पद संभाल रहीं क्रिस्टालिना ने स्टाफ पर दबाव बनाया था कि वे चीन की रैंकिंग को बेहतर दिखाएं। रिपोर्ट में कहा गया है कि जॉर्जिवा और एक मुख्य सलाहकार सिमियोन जांकोव की ओर से स्टाफ पर दबाव डाला गया था कि वह रिपोर्ट में कुछ बदलाव करे ताकि चीन की रैंकिंग में बदलाव किया जा सके।
उस वक्त बैंक ने कैपिटल के लिए चीन से मदद मांगी थी। माना जा रहा है कि उसके एवज में ही रिपोर्ट में उसे यह फायदा देने का प्रयास किया गया था। फिलहाल जिम योंग किम की ओर से इस रिपोर्ट को लेकर कोई बात नहीं कही गई है। 'डूइंग बिजनेस 2018' की रिपोर्ट में चीन ने 7 पायदान की छलांग लगाते हुए 78वां स्थान हासिल किया था। उसकी रैंकिंग में यह सुधार डेटा मैथडोलॉजी में बदलाव किए जाने के बाद आया था, जो शुरुआती ड्राफ्ट रिपोर्ट से एकदम अलग था।
गुरुवार को जारी की गई जांच रिपोर्ट में ये खुलासे हुए हैं। IMF के तत्काली अध्यक्ष जिम योंग किम पर भी चीन का दबाव होने की बात कही गई है। वहीं जॉर्जिवा ने जांच रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा कि वह इससे सहमत नहीं हैं और IMF के कार्यकारी बोर्ड के सामने अपना पक्ष रखा है। इससे पहले गुरुवार को वर्ल्ड बैंक ने डूइंग बिजनेस रिपोर्ट्स को ही स्थगित करने का ऐलान किया था। बैंक का कहना था कि रिपोर्ट में डेटा से छेड़छाड़ की बात सामने आई है। ऐसे में इसे फिलहाल कैंसल किया जाता है।
विश्व बैंक ने कहा है कि पूर्व बोर्ड अधिकारियों और बैंक के कुछ मौजूदा एवं पूर्व स्टाफ के व्यवहार पर गंभीर सवाल खड़े हुए हैं। अमेरिका के ट्रेजरी डिपार्टमेंट इन खुलासों को लेकर कहा है कि वह इसका अध्ययन करेगा। यदि ऐसा है तो यह गंभीर मसला है। विल्मरहेल की रिपोर्ट में कहा गया है कि आईएमएफ के पूर्व अध्यक्ष जिम योंग किम के सीनियर स्टाफ की ओर से 'प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दबाव' था कि रिपोर्ट की मैथडोलॉजी को बदल दिया जाए ताकि चीन का स्कोर बेहतर दिखा जा सके। यही नहीं रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसा लगता है कि यह जिम योंग किम के कहने पर ही किया गया था।
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