हांगकांग ने लॉकडाउन के बिना जीती कोरोना से जंग

punjabkesari.in Sunday, Apr 19, 2020 - 06:12 PM (IST)

हांगकांगः किलर कोरोना से लड़ने के लिए दुनिया के कई देशों में लॉकडाउन लागू है तो कुछ देश ऐसे भी हैं जो अन्य उपायों के जरिए कोरोना वायरस से निपट रहे हैं और उनका यह फॉर्म्यूला हिट भी रहा है। बिना लॉकडाउन कोरना पर काबू पाने के मामले दक्षिण कोरिया के बाद अब हांगकांग सुर्खियां बटोर रहा है । यहां ल़ॉकडाउन के बिना कोविड19 महामारी के प्रसार पर सफलतापूर्वक रोक लगाई गई है। 31 मार्च को यहां 715 मामले दर्ज किए गए थे और अब अप्रैल के मध्य में कुल केस 1,024 हैं जिनमें 568 लोग रिकवर हो चुके हैं। आंकड़ों को देखकर पता चलता है कि हांगकाग ने कोरोना को किस तरह से मात दी है।

PunjabKesari

इन तरीकों से हांगकांग पा रहा वायरस पर काबू
एक रिपोर्ट के मुताबिक हांगकाग टार्गेटेड आइसोलेशन और सोशल डिस्टेंसिंग के जरिए कोरोना से निपट रहा है। हांगकागने सीमा पर प्रतिबंध लगा दिए थे और पुष्ट मामलों में ही क्वारंटीन की व्यवस्था की और साथ ही संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए लोगों को क्वारंटीन किया। इसके साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग के उपाय अपनाए गए। विशेषज्ञों का मानना है कि ये उपाय जहां सफल रहे वहीं इससे इकॉनमी को वैसा नुकसान नहीं झेलना पड़ा जैसा कि दूसरे देशों में हुआ है। चीन में दिसंबर 2019 में कोरोना का केस सामने आने के बाद वहां की शी चिनफिंग सरकारों ने विभिन्न प्रांतों में लॉकडाउन घोषित कर दिया। भारत, पाकिस्तान जैसे एशियाई देशों के अलावा अमेरिका और कई यूरोपीय देशों में लॉकडाउन घोषित है जिससे वहां की इकॉनमी पर असर पड़ रहा है।

PunjabKesari

पब्लिक हेल्थ के उपाय पर ज्यादा जोर
75 लाख आबादी वाले इस देश में पब्लिक हेल्थ के उपायों पर ध्यान दिया गया। विशेषज्ञों का मानना है कि इसका असर देखने को मिला और कोरोना के मामले बढ़ने की जगह घटने लगे। हॉन्ग कॉन्ग यूनिवर्सिटी के प्रफेसर बेंजामिन कॉउलिंग कहते हैं, 'पब्लिक हेल्थ उपायों को अपनाने के कारण हॉन्गकॉन्ग ने यह दिखाया कि कैसे कोविड19 के संक्रमण को रोका जा सकता है और वह भी बिना कम्प्लीट लॉकडाउन के। हॉन्गकॉन्ग की सफलता से दुनिया की दूसरी सरकारों को सीखने की जरूरत है।' अपने अध्ययन में प्रफेसर कॉउलिंग और उनके सहयोगियों ने हॉन्गककॉन्ग में जनवरी से 31 मार्च के बीच कोरोना के पॉजिटिव केस से संबंधित डेटा का अध्ययन किया।

PunjabKesari

जनता की जागरूकता ने निभाया अहम रोल
यूनिवर्सिटी ऑफ हॉन्गकॉन्ग के प्रफेसर पेंग वु कहते हैं कि देश की आबादी को पता है कि उन्हें पर्सनल हाइजीन पर ध्यान देना है और फिजीकल डिस्टेंसिंग को बरकरार रखना है। अध्ययनकर्ताओं की टीम ने पाया कि वायरस का पहला केस आने के बाद से लेकर अब तक कोविड19 से लड़ने में हॉन्गकॉन्ग के लोगों की सोच में काफी बदलाव आया है। मार्च में 85 फीसदी लोगों ने क्राउड में जाना छोड़ादिया था तो 99 फीसदी ने कहा कि वे घर से निकलते वक्त फेस मास्क लगाते हैं, वहीं यह आंकड़ा फरवरी में क्रमशः 75 और 6 1 फीसदी था।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Tanuja

Recommended News

Related News