हांगकांग में बढ़ी चीन की तानाशाही, विश्वविद्यालय में तियेन आन मेन नरसंहार की याद में बना स्तंभ हटाया

punjabkesari.in Thursday, Dec 23, 2021 - 10:46 AM (IST)

हांगकांग: हांगकांग के पहले विधायी चुनावों को राष्ट्रपति शी जिनपिंग के मान्यता देते ही हांगकांग पर चीनी शिकंजा और कस गया है। ये चुनाव चीन के नए कानूनों के तहत ही आयोजित किए गए हैं और  इसमें सुनिश्चित किया गया कि बीजिंग के प्रति वफादारी दिखाने वाले केवल ‘‘देशभक्त'' ही उम्मीदवार बन सकें। इस बीच हांगकांग पर बढ़ती चीन की तानाशाही का नया कारनामा सामने आया है। 

 

चीन में लोकतंत्र के समर्थन में प्रदर्शन के दौरान 1989 में तियेन आन मेन चौराहे पर हुए नरसंहार की याद में हांगकांग विश्वविद्यालय में बने एक स्मारक को बृहस्पतिवार तड़के विश्वविद्यालय के आदेश पर हटा दिया गया। इस आठ मीटर ऊंचे स्तंभ ‘पिलर ऑफ शेम' में 50 लोगों के क्षत-विक्षत शवों को एक-दूसरे के ऊपर पड़ा हुआ प्रदर्शित किया गया है। इसे डेनमार्क के मूर्तिकार जेन्स गाल्सियोट ने बीजिंग में चार जून, 1989 को तियेन आन मेन चौराहे पर लोकतंत्र के समर्थन में प्रदर्शन के दौरान हिंसक सैन्य कार्रवाई में मारे गए लोगों की याद में बनाया था।

 

लेकिन अक्टूबर में यह स्मारक विवाद का विषय बन गया क्योंकि विश्वविद्यालय इसे हटाने की मांग करने लगा जबकि मानवाधिकार समूहों ने इस फैसले की निंदा की। वहीं, गाल्सियोट ने इसे डेनमार्क वापस ले जाने की पेशकश की लेकिन अब तक वह इसमें सफल नहीं हो पाए। बुधवार रात हांगकांग विश्वविद्यालय में स्मारक के आसपास अवरोधक लगा दिए गए और वहां से ड्रिलिंग की आवाजें सुनी जा सकती थी और सुरक्षाकर्मी गश्त कर सुरक्षा प्रदान कर रहे थे। अक्टूबर में, विश्वविद्यालय ने अब निष्क्रिय हो चुके ‘हांगकांग अलायंस इन सपोर्ट ऑफ पेट्रियोटिक डेमोक्रेटिक मुवमेंट्स ऑफ चाइना' को इसकी सूचना दी थी।

 

यह समूह तियेन आन मेन चौराहा हिंसा की घटना को लेकर कार्यक्रम आयोजित करता है। विश्वविद्यालय का कहना था कि वह इस स्मारक को ‘हालिया जोखिम आकलन और कानूनी सलाह' पर हटा रहा है। इस पर भंग हो चुके समूह का जवाब था कि यह स्तंभ उनका नहीं है और इस बारे में बेहतर है कि विश्वविद्यालय इसे बनाने वाले से बात करे।


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Content Writer

Tanuja

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