पासांग का अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सवाल, क्या कोविड का असली स्रोत छुपाने में कामयाब रहा चीन ?

punjabkesari.in Tuesday, Jan 11, 2022 - 01:46 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः  दुनिया के कई देश एक बार फिर कोरोना वायरस महामारी की तीसरी, चौथी और पांचवी लहर का सामना कर रहे हैं। दुनिया भर में ताजा कोविड 19 के मामले 30.7 करोड़ दर्ज किए जा चुके हैं। दुनिया में कोरोना के नए वेरिएंट के तेजी से बढ़ रहे प्रसार के बीच तिब्बत और सताए गए अल्पसंख्यकों के लिए ग्लोबल अलायंस (GATPM) के संस्थापक त्सेरिंग पासांग ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सवाल किया कि क्या चीन कोविड​​-19 के वास्तविक स्रोत की तह तक पहुंचने में विफल रहा अथवा इसका असली सच छिपाने में सफल रहा है।

 

रिपोर्ट के अनुसार चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के शासन में  8 दिसंबर  2019 को वुहान में पहला कोरोना वायरस का मामला पाया गया था। वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए  WHO ने 11 मार्च  2020 को इसे वैश्विक महामारी घोषित किया था। GATPM मानवाधिकार, समानता, स्वतंत्रता और लोकतंत्र के लिए एक गैर-लाभकारी संगठन है। यह तिब्बतियों और उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों के लिए उनके मौलिक अधिकारों के लिए अभियान चलाता है।  त्सेरिंग पासांग ने ट्विटर पर कहा कि चीन के क्रूर शासन, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने सफलतापूर्वक COVID-19 के वास्तविक स्रोत को छिपाने में कामयाबी हासिल की है।

 

बता दें कि इससे पहले त्सेरिंग पासांग तिब्बत फाउंडेशन के निदेशक रह चुके हैं। उन्होंने आगे कहा कि अब तक दो साल में  55 लाख मौतें हो चुकी हैं और अभी भी बीजिंग वायरस की उत्पत्ति से साफ इंकार कर रहा है। वायरस ने ना सिर्फ लोगों के स्वास्थ्य पर असर डाला है बल्कि विश्व की आर्थव्यवस्था भी महामारी के चलते चरमरा गई है। वायरस ने पूरी दुनिया में बड़े पैमाने पर कहर बरपाया है। दुनिया के कई देशों द्वारा चीन पर शुरू से आरोप लगते रहे हैं कि कोरोना वायरस चीन का एक बायोलाजिकल वेपन है, लेकिन अब तक यह सिद्ध नहीं किया जा सका है।


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Content Writer

Tanuja

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