ग्रेटा ने WEF में फिर लगाई विश्व नेताओं को फटकार, ट्रंप ने दिया विवादित जवाब

punjabkesari.in Thursday, Jan 23, 2020 - 03:49 PM (IST)

दावोस: स्विट्जरलैंड के दावोस में 21 जनवरी से शुरू हुए वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) में स्वीडन की पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग भी शामिल हुईं। यहां उन्होंने संबोधित करते हुए कहा- दुनिया में भीषण तबाही के बावजूद नेताओं ने कार्बन उत्सर्जन कम करने की दिशा में कुछ नहीं किया। जलवायु संकट पर जागरुकता बढ़ी लेकिन कुछ खास नहीं बदला। ग्रेटा ने वैश्विक नेताओं से कहा कि आपने जलवायु को बेहतर करने के नाम पर केवल हमें नाउम्मीद किया है।

 

ग्रेटा ने कहा, ‘‘मैं एक साल पहले दावोस आई थी तो लोगों से कहा था- हमारे घर जल रहे हैं इसलिए पर्यावरण को लेकर उचित कदम उठाएं। लेकिन, आपने सिर्फ हवाई बातें और खोखले वादे किए। जब बच्चे आपसे जलवायु को लेकर संजीदा होने के लिए कह रहे हैं तो आपको गंभीर होना चाहिए। हम चाहते हैं कि आप काल्पनिक तकनीक की बात न करें। वर्तमान की जरूरतें हैं, उनको ठोस तरीकों से पूरा किया जाए। ‘‘हम आपसे यह भी नहीं कह रहे कि आप ‘जीरो उत्सर्जन’ या ‘कार्बन न्यूट्रेलिटी’ तक पहुंचने के बारे में बात करते रहें। जैसा आप हमेशा आंकड़ों को तोड़-मरोड़कर लोगों के सामने पेश करते हैं। आप अफ्रीका के रेगिस्तानी क्षेत्र में पेड़ लगाने की बात करते हैं, जबकि अमेजन के जंगलों की कटाई जारी है। पेड़ लगाना निश्चित रूप से अच्छा कदम है। लेकिन, पेड़ लगाने के लिए जो काम किए जाने चाहिए थे, उसके मुकाबले यह पर्याप्त नहीं है।

 

ग्रेटा ने कहा‘‘मैं साफ शब्दों में कहना चाहती हूं कि आप हमें लोअर कार्बन इकोनॉमी और कम उत्सर्जन करने के नाम पर बेवकूफ बनाना बंद करें। अगर 1.5° के लक्ष्य से नीचे रखना है तो हमें कार्बन उत्सर्जन को रोकना होगा। ’’ अमेरिका पेरिस समझौते से अलग हो गया है। यह सभी के लिए चिंता की बात है। लेकिन सच्चाई यह है कि पेरिस समझौते में शामिल किसी देश ने अपनी जिम्मेदारी नहीं दिखाई है। आपकी योजनाएं या नीतियां 1.5° के लक्ष्य तक पहुंचने के लिए अपर्याप्त है। हमें आपकी पार्टी पॉलिटिक्स की परवाह नहीं है। जलवायु संकट के लिए सभी राजनीतिक पार्टियां जिम्मेदार है। सभी राजनीतिक विचारधारा या आर्थिक संगठन जलवायु और पर्यावरण संकट से निपटने में विफल रही है।’’

 

मूर्खों के वारिस बता रहे भविष्य : ट्रंप
इस समिट में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी शामिल हुए। ट्रंप ने बुधवार को कहा कि वह दावोस में स्वीडन की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग से मिलना पसंद करते। हालांकि, उन्होंने साथ ही कि कहा कि उन्हें अपना गुस्सा सिर्फ अमेरिका पर नहीं निकालना चाहिए। ट्रंप ने यहां कहा, 'मुझे उससे मिलना अच्छा लगता।' राष्ट्रपति ने दावा किया कि दुनिया में अमेरिका से ज्यादा बड़े प्रदूषक देश हैं और ग्रेटा को अपना ध्यान उन स्थानों पर केंद्रित करना चाहिए। ट्रंप ने विश्व आर्थिक मंच में मंगलवार को दिए गए भाषण में पर्यावरण संरक्षण से जुड़े अभियानकर्ताओं पर हमला करते हुए उन्हें 'विनाश के मसीहा' और 'बीते जमाने के मुर्ख भविष्यवक्ताओं के वंशज' करार दिया है। उन्होंने कहा यह आशावाद का समय है। हमें हर समय कयामत का गाना गाने वाले भविष्यवक्ताओं और उनकी भविष्यवाणी पर ध्यान नहीं देना चाहिए। ऐसे कट्‌टरपंथी समाजवादियों को हम अर्थव्यवस्था नष्ट नहीं करने देंगे। अमेरिका भी एक लाख करोड़ पेड़ की मुहिम में शामिल होगा, जो दावोस में लॉन्च की गई है। इस पूरे भाषण के दौरान थनबर्ग चुपचाप बैठी रहीं। 


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Tanuja

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