इमरान सरकार विरोधी प्रदर्शन हुए तेज, प्रदर्शनकारी बोले- गिलगित बाल्टिस्तान नहीं पाकिस्तान का हिस्सा

punjabkesari.in Thursday, Oct 22, 2020 - 12:02 PM (IST)

पेशावरः पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के हिस्से कहे जाते गिलगित-बालटिस्तान में पाक सरकार और सेना के खिलाफ प्रदर्शनों का सिलसिला जारी है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह क्षेत्र पाकिस्तान का हिस्सा नहीं है, इसलिए यह कानून यहां अमल में नहीं लाया जा सकता। गैरकानूनी सजा भुगत रहे राजनीतिक बंदियों को रिहा करने की मांग को लेकर जारी प्रदर्शनों में सुदूर के गांव, इलाके के लोग भी शामिल हो गए हैं।    स्थानीय कार्यकर्ता बाबा जान समेत सभी राजनीतिक बंदियों को रिहा करने की मांग को लेकर  प्रदर्शन तीसरे दिन भी जारी रहा। जिस कठोर कानून के तहत कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है, प्रदर्शनकारियों ने उस पर सवाल उठाया है।

 

बता दें 2011 में गिरफ्तार, बाबा जान एक कार्यकर्ता है जिसने तत्कालीन पाकिस्तानी प्रशासन को चुनौती दी थी जो अनिवार्य रूप से गिलगित बाल्टिस्तान के लोगों के खिलाफ काम कर रहा था। पाकिस्तान की स्थापना ने गिलगित बाल्टिस्तान में आतंकवाद-निरोधी अधिनियम के ड्रैकॉन अनुसूची अनुसूची IV का उपयोग किया है ताकि उसके दमन का विरोध करने वाली उचित आवाज़ों को बंद किया जा सके। इस कानून के तहत दर्जनों को न केवल खुद को इस क्षेत्र पर शासन करने के लिए एक स्वतंत्र लगाम लगाने के लिए बल्कि समाज के सभी वर्गों के लिए एक धमकी भरा संदेश भेजने के लिए तैयार किया है।

 

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उनका विरोध आकार में बड़ा हो गया है, लेकिन पाकिस्तानी मीडिया द्वारा पक्षपातपूर्ण कवरेज के कारण थोड़ा कम असर कर रहा। उन्‍होंने कहा कि उनका विरोध इस समय अनिश्चितकालीन है और वे किसी भी प्रशासनिक अनुनय या जबरदस्ती को नहीं देंगे। एक प्रदर्शनकारी ने कहा "यदि आप (पाकिस्तान ) सोचते हैं कि आप बलों के माध्यम से हमारी आवाज़ को थका सकते हैं, तो आपको बता दूं, आप नहीं कर सकते। यह 21 वीं सदी है, हम चुप नहीं बैठेंगे। पाकिस्तानी मीडिया चुनिंदा रिपोर्टिंग कर रही है और हमारे मुद्दों को कवर नहीं कर रही है।"


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Tanuja

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