यूक्रेन संबंधी टिप्पणियां कर फंसे जर्मनी नौसेना प्रमुख, भारत से लौटते ही दिया इस्तीफा

punjabkesari.in Sunday, Jan 23, 2022 - 12:53 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः  जर्मनी के नौसेना प्रमुख ने यूक्रेन और रूस संबंधी टिप्पणियों के कारण देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रहीं उनकी आलोचनाओं के बीच शनिवार देर रात इस्तीफा दे दिया। वाइस एडमरिल के अचिम शोएनबैक ने भारत में आयोजित एक समारोह में शुक्रवार को कहा था कि रूस ने 2014 में जिस क्रीमिया प्रायद्वीप पर कब्जा किया था, वह यूक्रेन को वापस नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा था कि रूस को चीन के खिलाफ एक ही पक्ष रखना महत्वपूर्ण है। उन्होंने साथ ही कहा था कि रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन ‘‘सम्मान'' के हकदार हैं।

 

शोएनबैक के इन बयानों ने यूक्रेन को नाराज कर दिया और उसने अपनी शिकायत दर्ज कराने के लिए जर्मनी के राजदूत को तलब किया था। शोनएबैक को बर्लिन में भी आलोचनाएं झेलनी पड़ीं। शोएनबैक ने शनिवार देर रात इस्तीफा देते हुए कहा कि वह ‘‘बिना सोचे-समझे दिए गए अपने बयानों'' के कारण जर्मनी और उसकी सेना को और नुकसान होने से बचाना चाहते हैं। जर्मन नौसेना ने एक बयान में बताया कि रक्षा मंत्री क्रिस्टीन लैम्ब्रेक्ट ने शोएनबैक का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है और नौसेना के उप प्रमुख को अंतरिम प्रमुख बना दिया है।

 

जर्मन सरकार ने जोर देकर कहा कि वह यूक्रेन पर रूसी सैन्य खतरे के मामले पर अपने उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) सहयोगियों के साथ एकजुट होकर खड़ा है। उसने चेतावनी दी कि यदि रूस यूक्रेन में कोई सैन्य कार्रवाई करता है तो उसे इसकी भारी कीमत चुकानी होगी, लेकिन अन्य नाटो देशों के विपरीत बर्लिन ने कहा कि वह यूक्रेन को घातक हथियारों की आपूर्ति नहीं करेगा, क्योंकि वह तनाव बढ़ाना नहीं चाहता है।


ब्रिटेन का आरोप-यूक्रेन सरकार  बदलना चाहता है रूस
उधर, ब्रिटेन ने रूस पर आरोप लगाया है कि वह यूक्रेन की सरकार को मास्को समर्थित प्रशासन के साथ बदलना चाहता है और कहा कि यूक्रेन के पूर्व सांसद येवेनी मुरायेव को संभावित उम्मीदवार माना जा रहा है। मुरायेव रूस समर्थक छोटी पार्टी नाशी के प्रमुख हैं, जिसके पास वर्तमान में यूक्रेन की संसद में कोई सीट नहीं है। ब्रिटेन के विदेश कार्यालय ने यूक्रेन के कई अन्य नेताओं का नाम लिया, जिनके बारे में कहा गया था कि उनके रूसी खुफिया सेवाओं के साथ संबंध थे।

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ब्रिटेन की सरकार ने यह दावा एक खुफिया आकलन के आधार पर किया है और इसके समर्थन में कोई सबूत पेश नहीं किया है। ब्रिटेन ने यह आरोप ऐसे वक्त में लगाए हैं जब रूस और पश्चिमी देशों के बीच यूक्रेन को लेकर तनाव चल रहा है। विदेश मंत्री लिज ट्रस ने कहा कि ये जानकारी ‘‘यूक्रेन को नष्ट करने के इरादे से रूसी गतिविधि पर प्रकाश डालती है और क्रेमलिन (रूस के राष्ट्रपति कार्यालय) की सोच को दर्शाती है।'' 


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Content Writer

Tanuja

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