अमेरिका में नस्लवाद और पुलिस हिंसा खत्म करने की जरुरत: संयुक्त राष्ट्र

punjabkesari.in Thursday, Jun 04, 2020 - 03:46 PM (IST)

संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष मानवाधिकार अधिकारी ने कहा है कि अमेरिका में जॉर्ज फ्लॉयड की हिरासत में हत्या की घटना ने अश्वेत लोगों के खिलाफ ‘‘पुलिस हिंसा’’ को उजागर किया है, जिसके विरोध में पूरे अमेरिका में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिकी समाज को भयभीत करने वाले स्थानिक और संस्थागत नस्लवाद को खत्म करने की जरूरत है, उनकी आवाज को सुनी जानी चाहिए।

 

संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बेशलेत ने बुधवार को कहा कि 46 वर्षीय अफ्रीकी-अमेरिकी फ्लॉयड की हत्या के बाद अमेरिका के सैकड़ों शहरों में फैले विरोध प्रदर्शनों की आवाज सुनी जानी चाहिए और उनकी समस्याओं को हल करने की जरुरत है अगर अमेरिका नस्लवाद और हिंसा के अपने दुखद इतिहास से आगे बढ़ना चाहता है। बेशलेत ने कहा, ‘‘निहत्थे अफ्रीकी अमेरिकियों की हत्याओं को खत्म करने के लिए आवाज बुलंद करने की जरूरत है। पुलिस हिंसा को खत्म करने के लिए आवाज बुलंद करने की जरूरत है। अमेरिकी समाज को भयभीत करने वाले स्थानिक और संस्थागत नस्लवाद को खत्म करने के लिए आवाज बुलंद करने की जरूरत है।’’

 

उन्होंने जोर देकर कहा कि जब दुनिया में संस्थागत नस्लवाद और पुलिस हिंसा की घटना होती है, तो हम उससे पनपे क्रोध को अमेरिका में देख सकते हैं, जो समाज में विषमताओं को उजागर करता है, जो यह दर्शाता है कि पुलिस हिरासत में गैरकानूनी हत्याओं और नस्ली पूर्वाग्रह से छुटकारा पाने के लिए दूरगामी सुधारों और समावेशी संवाद की वहां इतनी जरूरत क्यों है।

 

उन्होंने कहा, ‘‘यह वायरस बहुत ही लंबे समय तक नजरअंदाज की गई असमानताओं को उजागर कर रहा है। अमेरिका में जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या से उत्पन्न विरोध प्रदर्शन न केवल अश्वेत लोगों के खिलाफ पुलिस हिंसा को उजागर कर रहे हैं, बल्कि स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार में भी असमानताएं और स्थानिक नस्ली भेदभाव को उजागर कर रहा है।गौरतलब है कि पिछले हफ्ते मिनियापोलिस में पुलिस हिरासत में फ्लॉयड की हत्या के विरोध में अमेरिका भर में प्रदर्शन हो रहे हैं और इस दौरान हिंसा भी भड़क गई।


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Tanuja

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