PAK के राष्ट्रपति ने फ्रांस के बिल पर की विवादित टिप्पणी, मैक्रो ने सम्मन भेजकर लगाई फटकार

punjabkesari.in Wednesday, Feb 24, 2021 - 05:12 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः पाकिस्तान दूसरे देशों के मामलों में टांग अड़ाने से बाज नहीं आता और इस कारण इसे शर्मिंदगी भी झेलनी पड़ती है। हर बार भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने वाला पाक इस बार  फ्रांस के मामले में दखल देकर फंस गया है। फ्रांस में धार्मिक कट्टरता पर रोक लगाने के लिए एक नया बिल लाया गया है।   इस बिल को लेकर पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने विवादित टिप्पणी करते हुए कहा कि यह बिल फ्रांस में अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय को कलंकित करने वाला है । अल्वी के इस बयान के बाद फ्रांस के विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तानी राष्ट्रपति की इस टिप्पणी पर देश के दूत को सम्मन भेजकर अपना विरोध जताया है। 

 

जानकारी के अनुसार फ्रांस में पैगंबर मुहम्मद की तस्वीर बनाने पर एक कट्टरपंथी ने टीचर के सिर को काटने के  बाद फ्रांस में कट्टरपंथ पर रोक लगाने के लिए एक नया बिल लाया गया है।  शनिवार को धर्म पर आयोजित एक कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए अल्वी ने कहा  जब आप देखते हैं कि अल्पसंख्यकों को अलग-थलग करने के लिए कानूनों को बहुमत के लिए बदल दिया जाता है, तो यह एक खतरनाक मिसाल पेश करता है।  इस बिल का हवाला देते हुए अल्वी ने कहा जब आप पैगंबर मुहम्मद की तौहीन करते हैं तो आप सभी मुस्लिमों का भी अपमान करते हैं। पाकिस्तानी राष्ट्रपति ने कहा, मैं फ्रांस के नेताओं से आग्रह करता हूं कि वे कानून में इन दृष्टिकोणों को न लेकर आएं।

 

गौर करने वाली बात ये है कि फ्रांस में पाकिस्तान का राजदूत नहीं है। ऐसे में फ्रांस के विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तानी मामलों के प्रभारी को सम्मन भेजा। फ्रांस के विदेश मंत्रालय ने  अपना विरोध जताते हुए कहा कि इस बिल में पक्षपात करने वाला कोई भी पहलू नहीं है। यह धर्म और विवेक की स्वतंत्रता के मूल सिद्धांतों द्वारा निर्देशित है। बिल विभिन्न धर्मों के बीच अंतर नहीं करता है और इसलिए सभी धर्मों के लिए समान रूप से लागू होता है। मंत्रालय ने कहा, पाकिस्तान को इसे समझना चाहिए और हमारे द्विपक्षीय संबंधों के प्रति रचनात्मक रवैया अपनाना चाहिए। गौरतलब है कि अक्टूबर में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों द्वारा पैगंबर मुहम्मद के कार्टूनों को दिखाने का बचाव किया था।  इसके बाद दुनियाभर के मुस्लिम देशों में उनके खिलाफ प्रदर्शन हुए थे। पाकिस्तान में भी फ्रांस और मैक्रों के खिलाफ प्रदर्शन हुए थे।  


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Content Writer

Tanuja

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