मलेशिया के पूर्व पीएम नजीब रज्जाक भ्रष्टाचार के सात आरोपों में दोषी करार, 12 साल की सुनाई गई सजा

punjabkesari.in Tuesday, Jul 28, 2020 - 11:12 PM (IST)

कुआलालंपुरः मलेशिया की एक अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री नजीब रज्जाक को एक सरकारी निवेश कोष से अरबों डॉलर के गबन को लेकर अपराधों में मंगलवार को दोषी करार देने के बाद 12 वर्ष जेल की सजा सुनाई। फैसला सुनते समय रज्जाक शांत थे और उनके चेहरे पर कोई भाव नजर नहीं आ रहा था। वह मलेशिया के पहले ऐसे नेता हैं, जो दोषी करार दिए गए हैं। उन्होंने इस फैसले को चुनौती देने की बात कही है। सजा सुनाए जाने से पहले संक्षिप्त टिप्पणी में उन्होंने शपथ के साथ कहा कि उन्हें भ्रष्टाचार की कोई जानकारी नहीं थी। 
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न्यायाधीश मोहम्मद नजलान गजाली ने नजीब को सत्ता के दुरुपयोग के आरोप में 12 वर्ष की सजा, वहीं आपराधिक अमानत में खयानत के तीन आरोपों में 10-10 वर्ष जेल की सजा और धनशोधन के तीन आरोपों के लिए 10-10 वर्ष की सजा सुनाई। न्यायाधीश ने साथ ही नजीब पर 21 करोड़ रिंगित का जुर्माना भी लगाया। 
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हालांकि न्यायाधीश ने आदेश दिया कि ये सजा साथ-साथ चलेंगी यानी नजीब को 12 वर्ष जेल की सजा काटनी होगी। रज्जाक को मंगलवार को मलेशिया के एक सरकारी निवेश कोष से अरबों डालर गबन के अपराध लिए दोषी ठहराया गया था। अरबों डॉलर के इस घोटाले को लेकर जनता में गुस्से के कारण 2018 में नजीब की पार्टी को सत्ता से बाहर होना पड़ा था। यह फैसला नई सत्तारूढ़ गठबंधन सरकार में नजीब की मलय पार्टी के बड़े सहयोगी के रूप में शामिल होने के पांच महीने बाद आया है। यह फैसला नजीब के खिलाफ भ्रष्टाचार के पांच मुकदमों में से एक में आया है। 
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विश्लेषकों का कहना है कि यह फैसला नजीब के अन्य मुकदमों पर असर डालेगा और कारोबारी समुदाय को भी यह संकेत जाएगा कि मलेशिया का कानूनी तंत्र में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय अपराधों से निपटने की ताकत है। न्यायाधीश मोहम्मद नजलान गजाली ने दो घंटे तक अपने फैसले को पढ़ने के बाद कहा, ‘‘मैं आरोपी को दोषी पाता हूं और सभी सात आरोपों में दोषी करार देता हूं।'' नजीब के वकीलों ने उन्हें हल्की सजा देने का अनुरोध किया था। अभियोजकों ने कहा कि इस मामले ने देश की छवि धूमिल की है। अभियोजकों ने एक ऐसा दंड देने की मांग की जो उच्च पदों पर आसीन लोगों को यह याद दिलाए कि "कोई भी कानून से ऊपर नहीं है।" 

नजीब ने अदालत से अनुरोध किया कि वह उनके नौ वर्षों के कार्यकाल के दौरान उनकी उपलब्धियों को संज्ञान में ले। उन्होंने कहा कि उन्हें उस 4.2 करोड़ रिंगित के बारे में कोई जानकारी नहीं जो उनके बैंक खाते में एसआरसी इंटरनेशनल से आये जो कि 1 एमडीबी की पूर्व इकाई है। नजीब को सजा सुनाये जाने का पता चलने के बाद अदालत के बाहर मौजूद उनके समर्थक रोने लगे। 67 वर्षीय नजीब ने अंत तक लड़ाई लड़ने की प्रतिबद्धता जतायी। उन्होंने कहा है कि उनके खिलाफ मामला राजनीतिक है। 


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Pardeep

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