माता-पिता दोनों के लिए 7 महीने की parental leave शुरू करने वाला पहला देश बना फिनलैंड

punjabkesari.in Tuesday, Feb 18, 2020 - 03:29 PM (IST)

 

हेलंसिकीः बहुत सारे मामलों में अपने प्रगतिशील व सराहनीय फैसलों के लिए सुर्खियां बटोरने वाला देश फ़िनलैंड एक बार फिर अपने नए कदम के लिए चर्चा में है। फिनलैंड दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है जो माँ और पिता दोनों के लिए समान मातृत्व-पितृत्व अवकाश देगा। लिंग-तटस्थ व अभिभावक नीति को पारित करते हुए नए अवकाश पैकेज में माता-पिता दोनों के लिए 7 महीने का भुगतान किया जाएगा ।

 

इस छुट्टी पैकेज का मतलब है कि दोनों माता-पिता को अपने बच्चे के साथ समय बिताने के लिए एक समान लगभग 14 महीने का अवकाश मिलेगा । यह नीति, जो अगले साल सितंबर के आसपास लागू होगी, को लैंगिक पक्षपात को दूर करने के लिए रखा गया है। अब तक, फिनलैंड ने लगभग 4 महीने के मातृत्व अवकाश की अनुमति थी, जबकि डैड्स को लगभग 2-3 महीने की छुट्टी मिलती थी। इसके अलावा, माता-पिता को एक और छह महीने की छुट्टी प्राप्त करने का विकल्प मिलता है, जिसे आवश्यकता पड़ने पर आपस में एडजस्ट किया जा सकेगा ।

 

नई नीति के तहत, उन मामलों में जहां माता-पिता में से एक को अधिक घंटे लगाने की आवश्यकता होती है में अपने साथी को कुछ लीव स्थानांतरित करने के विकल्प की अनुमति दी जाएगी। नई अभिभावक नीति को देश में नई क्रांति माना जा रहा है । इस नीति के तहत सिंगल माता-पिता को पूरे 14 महीने लेने की छुट्टी लेने का प्रावधान भी रखा गया है। फिनलैंड सरकार का मानना है कि हर पेरेंट्स के लिए बच्चे के गर्भधारण से लेकर जन्म तक और उसके बाद के कुछ माह बेहद खास व महत्वपूर्ण होते हैं। और कामकाजी व नौकरीपेशा कपल के लिए बच्चे का जन्म व पालन पोषण किसी चुनौती से कम नहीं होता।

 

बच्चे के जन्म के बीच के समय दौरान माता-पिता की छुट्टियों को लेकर शुरू से ही बहस होतीआ रही है कि क्या मां की तरह पिता भी पेरेंटिंग लीव के हकदार है या नहीं। एक सवाल यह भी उठता रहा है कि इस दौरान मां को ज्यादा और पिता को कम छुट्टी क्यों दी जाती है जबकि दोनों पर ही समान रूप से जिम्मेदारी बढ़ती है। कई अध्ययनों में भी यह स्पष्ट हो चुका है कि शुरुआती दिनों में पिता की भूमिका भी उतनी ही महत्वपूर्ण होती है जितनी कि माताओं की क्योंकि पितृत्व अवकाश और चाइल्ड केअर में शामिल डैड्स भी माताओं की मदद कर सकते हैं।

 

गौरतलब है कि इससे पहले फिनलैंड की प्रधानमंत्री सना मारिन (34)  ने अपने देश में काम के घंटों को लचीला बनाने की कोशिश की । उन्होंने  हफ्ते में 3 दिनों की छुट्टियां और बाकी के चार दिनों में रोजाना केवल 6 घंटे काम करने का प्रस्ताव रखा।  इस फैसले पर सना मारिन का कहना है कि “मैं मानती हूं कि लोगों को अपने परिवार और प्रिय लोगों के साथ ज्यादा वक्त बिताना चाहिए। उन्हें अपने शौक और जीवन के अलग-अलग पहलुओं को जीने और समझने के लिए वक्त निकालना चाहिए।”


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Tanuja

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