बारूद के ढेर पर बैठा यूरोप

punjabkesari.in Wednesday, Feb 14, 2018 - 09:43 AM (IST)

लंदनः  द्वितीय विश्‍व युद्ध को मानव इतिहास का सबसे भयंकर युद्ध माना गया है।  इस भयंकर युद्ध के दौरान कितने बम कहां-कहां गिराए गए यह शायद कहीं भी लिखित में स्‍पष्‍ट तौर पर नहीं है। लेकिन अब भी जहां तहां इस दौरान गिराए गए बमों की बरामदगी लोगों को दहशत में ला देती है। ब्रिटेन के अलावा ग्रीस, फ्रांस, हांगकांग, जर्मनी आदि देशों से भी समय-समय पर द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान गिराए गए बम मिलना इशारा करता है कि पूरा यूरोप अभी भी बारूद के ढेर पर बैठा है।

1939 से 1945 तक चले इस युद्ध में लगभग 70 देशों की थल-जल-वायु सेनाएं शामिल थीं। यह भी कहा जाता रहा है कि इस युद्ध में करीब 10 करोड़ सैनिकों ने हिस्सा लिया था और करीब 5 से 7 करोड़ लोगों की मौत हुई थी। इसी कारण यह युद्ध को मानव इतिहास का सबसे भयंकर युद्ध माना गया। एक झटके में जापान में लाखों लोग हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराए गई एटम बम की चपेट में आकर मारे गए थे। 

माना जाता है कि इस युद्ध की शुरुआत 1 सितंबर 1939 को जर्मनी के पोलैंड पर हमला करने से शुरू हुई थी। इसके बाद फ्रांस ने जर्मनी पर युद्ध की घोषणा कर दी तथा इंग्लैंड और अन्य राष्ट्रमंडल देशों ने भी इसका अनुमोदन किया। लिहाजा बम जर्मनी, फ्रांस, जापान और ब्रिटेन में खूब गिराए गए। इनमें से कुछ ने तबाही मचाई तो कुछ बिना फटे ही वर्षों तक जमीन में धंसे रहे, जिनका पता अब धीरे-धीरे चल रहा है। ऐसा ही एक बम लंदन की टेम्‍स नदी में मिला, जिसके बाद वहां अफरातफरी मच गई।

इस शक्तिशाली जिंदा बम के मिलने की सूचना के बाद यहां से रवाना होने वाली सभी उड़ानों को रद कर दिया गया। बरामद हुए इस बम का वजन करीब 500 किलोग्राम बताया गया है। यह जॉर्ज वी डॉक के नजदीक बरामद हुआ। जहां बम मिला है, लंदन सिटी एयरपोर्ट उसके नजदीक है। ब्रिटिश नौसेना और पुलिस ने इस बम को दो दिन बाद निकाल लिया। फिलहाल इसको सुरक्षित धमाका कर खत्‍म करने की तैयारी की जा रही है। यह बम करीब डेढ़ मीटर लंबा है। इसे जर्मनी ने लंदन पर गिराया था।

माना जा रहा है कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान लंदन पर हुई जर्मनी के विमानों की बमबारी के समय यह बम बिना फटे टेम्स नदी में गिर गया था, जिसका 73 साल से ज्यादा का अर्सा बीत जाने के बाद पता चला है। अचरज की बात यह है कि यह अभी तक सक्रिय है । यह बम काफी शक्तिशाली है। कहा तो यहां तक जा रहा है कि इस तरह के कई बम अब भी ब्रिटेन की जमीन में जिंदा गड़े हुए हो सकते हैं। बम को नदी से सुरक्षित निकाले जाने के बाद एयरपोर्ट को भी दोबारा खोल दिया गया है। इससे पहले सुरक्षा की दृष्टि से यहां की आसपास की कई इमारतों को खाली करवा लिया गया था।


 


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