रूसी सैलानियों को रोकने की मांग पर जर्मनी का विरोध

punjabkesari.in Tuesday, Aug 16, 2022 - 06:57 PM (IST)

फिनलैंड चाहता है कि रूसी सैलानियों के यूरोपीय संघ में आने पर रोक लगाई जाये. सोमवार को नॉर्डिक देशों और जर्मनी के साथ सम्मेलन में इस पर चर्चा हुई लेकिन जर्मनी ने इसका विरोध किया है.फिनलैंड की प्रधानमंत्री सना मरीन का कहना है, "रूसी नागरिकों ने युद्ध नहीं शुरू किया लेकिन इसके साथ ही हमें यह भी देखना चाहिये कि वे युद्ध का समर्थन कर रहे हैं." कुछ दिन पहले ही एस्तोनिया ने भी इसी तरह की मांग रखी थी. लिथुआनिया ने तो बकायदा एलान कर दिया है कि वह सिवाय मानवीय आधार के और किसी कैटेगरी में रूसी नागरिकों के वीजा आवेदन स्वीकार नहीं करेगा. प्रधानमंत्री मरीन ने यह भी कहा, "यह सही नहीं है कि जिस समय रूस यूक्रेन के लोगों को मार रहा है उसी समय रुसी नागरिक यूरोपीय संघ और शेंगेन इलाके में सैलानियों की तरह जा कर सैरसपाटा करें." फिनलैंड की सीमा रूस के साथ लगती है और वह यूक्रेन पर हमले के बाद रक्षा सहयोग संगठन नाटो में शामिल होने की प्रक्रिया से गुजर रहा है. जर्मनी वीजा रोकने के पक्ष में नहीं जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्त्स ने यूरोपीय संघ में रूसी लोगों के आने पर रोक का विरोध किया है. उनका कहना है कि रूसी नागरिक राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के शासन से भाग रहे हैं. शॉल्त्स का कहना है,"यह समझना हमारे लिये जरूरी है कि बहुत से लोग रूस से भाग रहे हैं क्योंकि वे रूसी शासन से सहमत नहीं हैं. हम जो फैसले लेते हैं वे ऐसे नहीं होने चाहिए कि आजादी की चाहत में रूस में तानाशाह से भाग रहे लोगों के लिए स्थिति और ज्यादा जटिल हो जाये. यह रूसी लोगों का युद्ध नहीं यह पुतिन की जंग है." डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडेरिक्सन ने भी कहा कि इस मुद्दे पर चर्चा हुई है. फ्रेडेरिक्सेन ने कहा, "यह समझा जा सकता है कि कुछ यूरोपीय और शायद खासतौर से यूक्रेनी लोगों को यह अजीब लग रहा है कि रूस ने यूरोपीय देश पर हमला किया है और उसी समय हम उस देश से सैलानियों को आने दें जिसने दूसरे देश पर हमला किया. स्वीडन की प्रधानमंत्री माग्दालेना एंडरसन ने कहा कि उनकी सरकार ने इस बारे में अभी कोई राय नहीं बनाई है. उधर नॉर्वे के प्रधानमंत्री जोनास गार स्टोर का कहना है कि उनका देश किसी भी संयुक्त कार्रवाई का समर्थन करेगा. नॉर्वे यूरोपीय संघ में शामिल नहीं है. लिथुआनिया ने रोका टूरिस्ट वीजा लिथुआनिया के विदेश मंत्री गेब्रिलियुस लांड्सबेर्गिस ने डीडब्ल्यू से बातचीत में कहा कि यूरोपीय संघ के बाकी देशों को भी उनके देश के रास्ते पर चलना चाहिये. लांड्सबेर्गिस का कहना है, "यूक्रेन से लोग भागने पर मजबूर हुये, कुछ लोग जो वहां हैं वे जीवन के लिये संघर्ष कर रहे हैं, अपना घर बचाने के लिये लड़ रहे हैं...जबकि (रूसी लोग) अब भी आजाद हैं कहीं भी जाने के लिये और उन्हीं आजाद देशों की सुविधाओं को भोगने के लिये जिनकी सरकारें उनके खिलाफ लड़ रही हैं." विदेश मंत्री ने बताया कि लिथुआनिया ने वास्तव में उन सभी लोगों को वीजा देना बंद कर दिया है जो वहां घूमने के लिये जाना चाहते हैं. लांड्सबेर्गिस ने कहा कि यह सिर्फ राजनीतिक वजहों से नहीं बल्कि व्यावहारिक कारण से भी किया गया है. 2020 के बाद से लिथुआनिया में रूस और बेलारूस से आने वाले सैलानियों की तादाद काफी ज्यादा बढ़ गई है. फिनलैंड करेगा वीजा मे भारी कमी फिनलैंड ने 1 सितंबर से रूसी लोगों की मौजूदा संख्या को घटा कर 10 फीसदी पर लाने का फैसला कर लिया है. विदेश मंत्री पेक्का हाविस्टो ने मंगलवार को यह जानकारी दी. हाविस्टो ने बताया कि रूसी नागरिक फिनलैंड को रास्ते की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं. बड़ी संख्या में रूसी नागरिक हेलसिंकी आ कर यूरोप के दूसरे देशों में जा रहे हैं. हाविस्टो का कहना है, "यह उचित नहीं है, उदाहरण के लिये आखिर हमने रूसी विमानों के लिये अपने एयरस्पेस बंद कर रखे हैं." फरवरी में यूक्रेन पर हमले के तुरंत बाद ही फिनलैंड भी उन देशों में शामिल हो गया जिन्होंने रूसी विमानों के लिये अपना एयरस्पेस बंद कर दिया है. ऐसे में रूसी लोगों के लिये यूरोप की यात्रा मुश्किल हो गई है. हालांकि अब भी वो सड़क के रास्ते रूस के पड़ोसी देशों में जा रहे हैं और वहां से फिर दूसरे देशों के लिये विमान से जाने का रास्ता अपनाते हैं. यूरोपीय देशों में जारी किया जाने वाला शेंगेन वीजा 26 देशों के लिये इस्तेमाल किया जा सकता है. इनमें यूरोपीय संघ के 22 देशों के अलावा आइसलैंड, लिश्टेन्स्टाइन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड शामिल हैं. आमतौर पर इन देशों के बीच लोग और सामान बेरोकटोक आते जाते हैं. रूसी नागरिकों के यूरोपीय वीजा का मामला 31 अगस्त को संघ के विदेश मंत्रियों की बैठक में भी उठने की उम्मीद की जा रही है. एनआर/आरपी (एएफपी, एपी, डीपीए)

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