प्यार की बातों के दो दिन बाद झगड़ पड़े चीन और दक्षिण कोरिया

punjabkesari.in Friday, Aug 12, 2022 - 11:36 AM (IST)

दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री की इस हफ्ते हुई चीन यात्रा को ऐतिहासिक बताया गया था. लेकिन उस यात्रा में सहयोगी सारी बातों पर पानी फिरता नजर आ रहा है.चीन और दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्रियों ने इसी हफ्ते चीन में मुलाकात के बाद आपसी सहयोग बढ़ाने और संबंधों को मजबूत करने की बातें कही थीं. तनातनी की स्थिति में रहने वाले इन दो पड़ोसियों का इस तरह करीब आना बहुत सारे विशेषज्ञों को हैरान कर रहा था. इसके पीछे मार्च में राष्ट्रपति बने यून सुक-योल की नीतियां काम कर रहीं थीं, जो चीन से संबंध सुधारने के पक्षधर हैं. लेकिन यह भाईचारा दो दिन ही टिक पाया क्योंकि दोनों देशों के बीच फिर विवाद छिड़ गया है. अमेरिका द्वारा दिए गए एक मिसाइल सुरक्षा सिस्टम को लेकर चीन और दक्षिण कोरिया के बीच विवाद हो गया है. टर्मिनल हाई आल्टीट्यूड एरिया डिफेंस (THAAD) अमेरिकी सिस्टम है जिसे दक्षिण कोरिया इस्तेमाल कर रहा है. चीन ने कहा है कि थाड का बेहद शक्तिशाली रडार उसके वायुक्षेत्र में सेंध लगा सकता है. थाड लगाने का ऐलान दक्षिण कोरिया ने 2016 में किया था. इसका विरोध करते हुए चीन ने अपने पड़ोसी पर व्यापारिक और सांस्कृति आदान-प्रदान के प्रतिबंध लगा दिए थे. गुरुवार को चीन ने मांग की कि दक्षिण कोरिया थाड की और बैट्री ना लगाए और इसका प्रयोग सीमित कर दे. इसके जवाब में दक्षिण कोरिया के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि थाड उसके लिए आत्मरक्षा का जरिया है और उस पर किसी तरह का मोलभाव नहीं हो सकता. थाड पर विवाद राष्ट्रपति यून सुक-योल थाड सिस्टम को दक्षिण कोरियाई मिसाइलों के खिलाफ एक रक्षा परत के रूप में देखते हैं और इसलिए उन्होंने पिछली सरकार की थाड के विस्तार ना करने के वादे को तोड़ दिया है. उनके पूर्ववर्ती ने वादा किया था कि थाड को और ज्यादा जगहों पर तैनात नहीं किया जाएगा और देश अमेरिकी नेतृत्व वाले ग्लोबल मिसाइल शील्ड का हिस्सा नहीं बनेगा. साथ ही ऐसे किसी सैन्य गठबंधन का हिस्सा ना बनने का भी वादा किया गया था जिसमें जापान शामिल हो. दक्षिणपंथी यून ने अपने चुनाव प्रचार में ही यह बात कही थी कि वह और ज्यादा थाड बैट्री खरीदेंगे. अधिकारी कहते हैं कि मई में पद संभालने के बाद से यून की सरकार मौजूदा व्यवस्था की प्रक्रिया को सुचारू बनाने पर काम कर रही थी. दक्षिण कोरिया में थाड सिस्टम का मालिकाना हक अमेरिका के पास ही है और वही इसे संचालित करता है. यह भी पढ़ेंः ‘भविष्य’ की खातिर प्रशांत क्षेत्र में चीन और अमेरिका की खींचतान मंगलवार को दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री पार्क जिन और उनके चीनी समकक्ष वांग यी ने चीन में मुलाकात की थी. इस मुलाकात के बाद अलग-अलग बयानों में दोनों देशों ने कहा कि तीन दशक पुराने व्यवसायिक संबंधों को आधार बनाते हुए भविष्य में सहयोग बढ़ाया जाएगा. दोनों देश सप्लाई चेन को टूटने देने से बचाने के लिए संवाद बढ़ाने पर राजी हुए. साथ ही उप मंत्री व राजनयिक अधिकारियों के स्तर पर नियमित ‘दो+दो' बातचीत पर भी सहमति बनी. इसी बैठक में दोनों नेताओं ने उत्तर कोरिया के साथ परमाण्विकरण घटाने की संभावनाओं पर चर्चा की और चीन को दक्षिण कोरिया के संस्कृति निर्यात मसलन, उसकी फिल्में और संगीत आदि के रास्ते खोलने पर भी बात हुई. दो दिन में बदल गई बातें वांग के प्रवक्ता ने बुधवार को कहा कि दोनों नेता "एक दूसरे की वैध चिंताओं को गंभीरता से लेने" पर राजी हुए थे. उन्होंने कहा कि थाड के मुद्दे पर भी दोनों नेताओं ने बात की थी और इस मुद्दे को सही तरीके से संभालने पर सहमति बनी थी ताकि "यह मुद्दा द्विपक्षीय संबंधों के स्थिर विकास में रुकावट ना बन जाए.” चीनी प्रवक्ता ने कहा कि दक्षिण कोरिया में थाड की तैनाती "चीन के रणनीतिक सुरक्षा हितों का उल्लंघन है.” उधर दक्षिण कोरियाई विदेश मंत्रालय के मुताबिक पार्क ने वांग यी को बता दिया था कि उनका देश 2017 के ‘थ्री नो' समझौते का पालन नहीं करेगा क्योंकि यह कोई औपचारिक समझौता नहीं था. दक्षिण कोरियाई रक्षा मंत्री ली जोंग-सप ने कहा कि चीन की आपत्ति के कारण थाड पर उनकी नीतियों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा और इस सिस्टम के रडार का प्रयोग चीन के खिलाफ नहीं होगा. उन्होंने कहा, "मौजूदा बैट्री की अमेरिकी रक्षा योजनाओं में कोई भूमिका नहीं है और यह ऐसी जगह तैनात है जहां से यह सिर्फ कोरियाई प्रायद्वीप की रक्षा कर सकती है.” जब पार्क किंगदाओ में वांग यी से मिले थे तो चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के अखबार ग्लोबल टाइम्स ने ‘स्वतंत्र कूटनीति और चीन के प्रति व्यवहारिकता' के लिए दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति यून की प्रशंसा की थी क्योंकि यून ने पिछले हफ्ते अमेरिकी नेता नैंसी पेलोसी से मुलाकात नहीं की थी. उसी लेख में अखबार ने चेतावनी दी थी कि थाड का मुद्दा "एक बड़ा छिपा हुआ खतरा है जिसे चीन-दक्षिण कोरिया संबंधों में नजरअंदाज नहीं किया जा सकता." वीके/एए (रॉयटर्स, एएफपी)

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