पाकिस्तान की राजनीति में सवालः बाजवा की विदाई तय, अगला सेना प्रमुख होगा कौन ?

punjabkesari.in Wednesday, Nov 09, 2022 - 03:00 PM (IST)

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के सेना जनरल कमर जावेद बाजवा का कार्यकाल 29 नवंबर को समाप्त हो रहा है। इस बीच देश की पूरी राजनीति में यही सवाल उठ रहा है कि  अगला सेना प्रमुख कौन होगा?  हालांकि इमरान खान चाहते हैं कि अगले चुनाव तक बाजवा इस पद पर बने रहें लेकिन न तो सरकार ये चाहती है और न खुद बाजवा। ऐसे में आर्मी चीफ पद को लेकर अटकलों का बाजार गर्म हो गया है । दरअसल  शहबाज सरकार के सामने अब बेहद  देश के आर्मी चीफ की नियुक्ति को लेकर मुश्किल फैसला लेने का वक्त आ गया है।

 

जनरल कमर जावेद बाजवा ने भी 29 नवंबर के बाद इस पद बने रहने से इंकार कर दिया है। 2016 से इस पद पर बने  मौजूदा आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा  का कार्यकाल अगस्त में प्रधानमंत्री इमरान खान के ज़रिए बढ़ा दिया गया था।  इमरान खान ने मार्च में अपनी कैबिनेट के दौरान जनरल कमर जावेद बाजवा को अगले हुक्म तक इस पद बने रहने की पेशकश की थी, लेकिन  विपक्ष की तरफ से नो कॉन्फिडेंस मोशन पेश किया गया जिसमें इमरान खान अपनी सरकार बचाने में नाकाम रहे, इसलिए बाजवा के कार्यकाल में विस्तार नहीं हो सका। 

 

इसके अलावा प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और उनके साथियों ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और राष्ट्रपति आरिफ अल्वी की उस मांग को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने बाजवा को पद पर बनाए रखने की बात कही थी। ऐसे में कम तजुर्बे वाली शाहबाज शरीफ सरकार के सामने यह बड़ा चैलेंज होगा कि वो किसको यह बड़ी जिम्मेदारी सौंपते हैं। हालांकि इस बारे में पाकिस्तान के मौजूदा प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि फौज में मुख्य पदों पर अफसरों की नियुक्ति के मामले में कोई जल्दबाजी नहीं है। ये फैसला  सही वक्त आने पर ही लिया जाएगा।

 

बता दें कि आम तौर पर प्रधानमंत्री को इस बारे में डिटेल्स भेजने का अमल नवंबर के मध्य में शुरू होता है।  जियो न्यूज ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग के जराए के हवाले से बताया कि शहबाज शरीफ इस बार सीनियरटी को प्राथमिकता दे सकते हैं। इसके अलावा वो रिटायर होने वाले आर्मी चीफ से भी सलाह कर सकते हैं। उधर, इमरान खान  जनरल बाजवा का कार्यकाल बढ़ाना चाहते हैं। उनका कहना था कि आने वाले चुनावों तक जनरल कमर जावेद बाजवा के कार्यकाल को बढ़ा दिया जाए। खान की दलील थी कि   प्रधानमंत्री को इसका फैसला करना चाहिए  लेकिन मौजूदा प्रधानमंत्री  शहबाज शरीफ  के पास इसका हक नहीं है कि वो किसको इस ओहदे पर बिठाएं। इतना ही नहीं पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने भी इस मामले में मामले में मशवरा देने की बात की थी। 

 
 

कैसे चुना जाता है आर्मी चीफ
पाकिस्तान में आर्मी चीफ चुने जाने की प्रक्रिया की बात करें सबसे पहले जनरल हेडक्वार्टर से कुछ सबसे सीनियर अफसरों के नाम डिफेंस मिनिस्ट्री को भेजे जाते हैं। इस फाइल में सभी अफसरों की पूरी जानकारी होती है। डिफेंस मिनिस्ट्री के बाद यह फाइल देश के प्रधानमंत्री के पास जाती है। फाइल रिसीव होने के बाद पीएम को अपनी कैबिनेट मीटिंग में उन नामों पर चर्चा होती है । इसके अलावा प्रधानमंत्री रिटायर होने वाले आर्मी चीफ से सलाह ले सकते हैं, हालांकि यह अमल लाजमी नहीं होता। 

 

 लिस्ट में ये नाम शामिल
लेफ्टिनेंट जनरल आसिम मुनीर
लेफ्टिनेंट जनरल साहिर शमशाद मिर्जा
लेफ्टिनेंट जनरल अज़हर अब्बास
लेफ्टिनेंट जनरल नौमान महमूद
 
नए आर्मी चीफ की रेस में पहला नाम आसिम मुनीर का है। लेफ्टिनेंट जनरल आसिम मुनीर  मौजूदा अफसरों में सबसे सीनियर हैं। हालांकि आसिम को लेकर कुछ तकनीकी खामियां हैं, जिसके चलते यह भी हो सकता है कि उन्हें यह बड़ी जिम्मेदारी न मिले। आसिम मुनीर का संबंध ओटीएस के उस कोरस से है जो 75वें लॉन्ग कोरस से जूनियर है और 76वें लॉन्ग कोरस से सीनियर है। उन्हें कोर कमांडर लाहौर, मंगला, डीजीएस पीडी और आईजीटी एंड ई के साथ अक्टूबर 2018 में प्रमोट किया गया था।  
 


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Content Writer

Tanuja

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