अमरीकी रिपोर्ट में खुला साइबर हमलों का राज

punjabkesari.in Sunday, May 14, 2017 - 11:53 AM (IST)

वॉशिंगटन/लंदन: कई देशों और बहुराष्ट्रीय कंपनियों पर अमरीका की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी से चोरी किए गए साइबर टूल्स से व्यापक स्तर पर साइबर हमले किए गए हैं। विशेषज्ञों ने इस बात का दावा किया है। अमरीका के मीडिया संस्थानों ने कहा कि सबसे पहले स्वीडन, ब्रिटेन और फ्रांस से साइबर हमले की खबर मिली लेकिन  बताया जाता है कि रूस और ताईवान सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं।

गृह सुरक्षा विभाग के तहत अमरीका कम्प्यूटर एमरजैंसी रेडीनेस टीम (USCERT) ने कहा कि उसे विश्व भर के कई देशों में ‘वॉनाक्राई रैन्समवेयर इन्फैक्शन’ की कई खबरें मिली हैं। हालांकि उसने यह नहीं बताया कि कौन-कौन से देश इस हमले का शिकार हुए हैं। रैन्समवेयर एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जिससे एक कम्प्यूटर में वायरस घुस जाता है और यूजर तब तक इसे खोल नहीं पाता जब तक कि वह इसे ‘अनलॉक’ करने के लिए रैन्सम (फिरौती) नहीं देता। यूएससीईआरटी ने कहा कि व्यक्ति और संगठनों से फिरौती नहीं देने की अपील की जाती है क्योंकि इसके बाद भी यह गारंटी नहीं है कि वह अपने कम्प्यूटर को खोल पाएंगे।

इसके अनुसार जब कोई सॉफ्टवेयर पुराना होता है या फिर ‘अनपैच्ड’ (सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण ताजा कम्प्यूटर प्रोग्राम से विहीन) होता है तो रैन्समवेयर उस पर आसानी से हमला कर सकता है। टीम ने कहा, ‘‘वॉनाक्राई रैन्समवेयर संभवत: सर्वर मैसेज ब्लॉक 1.0 (SMBV1) में कमजोरी का लाभ उठा रहा है।’’  माइक्रोसॉफ्ट की एक प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी को इन खबरों की जानकारी है और वे स्थिति की जांच कर रहे हैं।

‘द वाल स्ट्रीट जर्नल’ ने कहा कि हमलों के लिए जिम्मेदार मैलवेयर डेटा को ‘इनस्क्रिप्ट्स’ (लॉक) कर देता है और फिरौती नहीं मिलने तक इसे लॉक रखता है। समाचार पत्र ने कहा, ‘‘वॉनाक्राई या वॉना डिक्राइप्टर के नाम से जाना जाने वाला तथाकथित रैन्समवेयर प्रोग्रॉम माइक्रोसॉफ्ट विंडो सिस्टम्स की कमजोरियों का लाभ उठाकर घुसता है।’’


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