कमजोर हो रहा कोरोना म्यूटेशन : वैज्ञानिक बोले- अब बनेगी ज्यादा असरदार वैक्सीन

punjabkesari.in Saturday, Jun 13, 2020 - 05:01 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः कोरोना वैकसीन को लेकर किए जा रहे शोधों से कभी दुनिया की उम्मीद जागती है और कभी निराशा हाथ लग रही है ।लेकिन इस बीच वैज्ञानिकों का दावा है कि धीरे-धारे कोरोना वायरस कमजोर हो रहा है और इसके रूप बदलने (म्यूटेट) की दर भी धीमी हो गई है। इसलिए अब अधिक बेहतर वैक्सीन तैयार की जा सकती है। जानकारी के अनुसार कोरोना वायरस के अब तक के 24 रूप (स्ट्रेंन) सामने आ चुके हैं। दुनिया के कई विशेषज्ञों का कहना है कि अगर इस समय वैक्सीन तैयार हो गई तो इसका एक डोज कई सालों तक इंसानों को संक्रमण से बचाएगी।

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जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने दुनियाभर से 20 हजार से अधिक कोरोना सैम्पलों का अध्ययन किया है। इस स्टडी में पाया कि इस वायरस के सबसे बड़े हथियार समझे जाने वाले स्पाइक प्रोटीन में बदलाव नहीं हो रहा है। जॉन हॉपकिंस अप्लायड फिजिक्स लैब के मॉलिक्युलर बायोलॉजिस्ट डॉ. पीटर थीलेन के मुताबिक, 2019 के अंत से लेकर अब कोरोनावायरस में कुछ जेनेटिक बदलाव हुए हैं। अब वह लगभग स्टेबल है और यह समय वैक्सीन तैयार करने के लिए परफेक्ट है। इस समय कोरोना के आरएनए को बेहतर तरीके से समझा जा सकता है। डॉ. पीटर के मुताबिक, अमेरिकी में कोरोना का जो स्ट्रेन पहचाना गया था, वह वुहान में संक्रमण फैलाने वाले वायरस से मिलता जुलता था।

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इस समय तैयार हुई वैक्सीन शुरुआती कोरोनावायरस और म्यूटेशन के बाद वाले कोरोना, दोनों पर असरदार साबित होगी। योमेडिकल इंजीनियरिंग विशेषज्ञ डॉ. विंसटन टिम्प के मुताबिक, बिना वैक्सीन के सामान्य जीवन में लौटना सम्भव नहीं है। वायरस के बदलने की धीमी गति का मतलब है, इस समय सफल वैक्सीन तैयार होने की सम्भावना ज्यादा है। डॉ. विंसटन कहते हैं, रिसर्च में सबसे ज्यादा फोकस कोरोना के उस स्पाइक प्रोटीन पर किया जा रहा है जो इंसानी कोशिकाओं में संक्रमण की वजह बनता है। यही सबसे अहम है। अगर वैक्सीन वायरस की इसी खूबी को ब्लॉक करने में कामयाब हो जाती है तो वह बेहद असरदार साबित होगी।

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Tanuja

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