विकास और क्षमता निर्माण में सहयोग भारत तथा कंबोडिया की मित्रता के स्तंभ : धनखड़

punjabkesari.in Friday, Nov 11, 2022 - 11:07 PM (IST)

नामपेन्हः उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा है कि विकास में भागीदारी और क्षमता निर्माण में सहयोग भारत तथा कंबोडिया के बीच मित्रता के महत्वपूर्ण स्तंभ है। कंबोडिया की यात्रा पर आए धनखड़ ने शुक्रवार को यहां भारतीय समुदाय द्वारा उनके सम्मान में आयोजित समारोह में दोनों देशों की समृद्ध परंपरा तथा सदियों पुरानी साझा विरासत और सांस्कृतिक संबंधों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों के 70 वर्ष पूरे होने के मौके पर उनकी कंबोडिया यात्रा इस देश के साथ भारत के संबंधों के महत्व को दर्शाती है। 

उन्होंने कहा कि यह भी महत्वपूर्ण है कि वह उपराष्ट्रपति के रूप में अपनी पहली विदेश यात्रा पर कंबोडिया आए हैं। इस मौके पर विदेश मंत्री डॉक्टर एस जयशंकर, कंबोडिया के संस्कृति मंत्री तथा कंबोडिया में भारत के राजदूत तथा कई अन्य गणमान्य व्यक्ति एवं बड़ी संख्या में भारतीय मूल के नागरिक मौजूद थे। उपराष्ट्रपति ने कहा कि हिंदुत्व, बौद्ध धर्म, पाली और संस्कृत भाषा दोनों देशों की साझा सांस्कृतिक विरासत की प्रतीक हैं। 

इसी तरह अंकोरवाट मंदिर भी दोनों देशों के बीच संबंधों का प्रतिबिंब है उन्होंने कहा कि कंबोडिया भारत को बौद्ध धर्म की भूमि के रूप में देखता है और भारत भी कंबोडिया को सभ्यता के आधार पर अपने परिवार की तरह मानता है। उन्होंने कहा कि विकास के क्षेत्र में भागीदारी तथा क्षमता निर्माण के क्षेत्र में सहयोग दोनों देशों की मित्रता के महत्वपूर्ण स्तंभ है। 

धनखड़ ने कहा कि कंबोडिया के 2000 से भी अधिक अधिकारियों ने भारत में सैन्य तथा अन्य प्रतिष्ठानों में प्रशिक्षण लिया है और वे अब कंबोडिया के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत कंबोडिया की वास्तुविद विरासत तथा समारकों के संरक्षण के क्षेत्र में भी कार्य कर रहा है। 


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Content Writer

Pardeep

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