जनसंख्या नियंत्रण के लिए महिलाओं को "उपकरण" की तरह इस्तेमाल कर रही चीन सरकार

punjabkesari.in Tuesday, Oct 12, 2021 - 01:58 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः चीन में महिलाओं ने सरकार पर जनसंख्या नियंत्रण करने के लिए उनका इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है।  फैबियन बौसार्ट ने द टाइम्स ऑफ इजरायल से बातचीत के दौरान बताया कि  जनसंख्या रोकने के लिए चीनी महिलाओं का जबरन गर्भपात करा दिया जाता है और जनसंख्या बढ़ाने उन्हें बच्चे पैदा करने के लिए मजबूर किया जाता है। बौसार्ट सेंटर ऑफ पॉलिटिकल एंड फॉरेन अफेयर्स के अध्यक्ष हैं।

 

बॉसार्ट ने कहा कि चीनी महिलाओं ने अब सोशल मीडिया 'वीबो' पर भी आवाज बुलंद की है। उन्होंने कहा कि वीबो पर एक कमेंट में  लिखा हुआ था कि महिला का शरीर 'उपकरण' बन गया है। राज्य जब चाहता है कि आप एक बच्चा पैदा करें, तो आपको इसे हर कीमत पर करना चाहिए। वहीं, जब राज्य यह नहीं चाहता है, तो आपको मृत्यु के जोखिम पर भी बच्चे को जन्म देने की अनुमति नहीं है।
 

बॉसार्ट ने कहा कि जब से बीजिंग ने देश में गर्भपात की दर को कम करने की नीति पेश की है, तब से लोगों में गुस्सा है। चीन में 1979 में 'एक बच्चे की नीति' शुरू हुई थी। द टाइम्स ऑफ इजरायल ने बताया कि एक अनुमान के मुताबिक चीनी सरकार ने 400 मिलियन से अधिक जन्मों को रोक दिया था। हालांकि यह कठोर नीति 2015 में समाप्त हो गई। इसके बाद चीन ने दो बच्चे की नीति को अपना लिया, जिससे 'जबरन गर्भपात' को समाप्त कर दिया गया।
 
पांच साल बाद मई में चीनी सरकार ने तीन बच्चे की नीति पेश की, क्योंकि बीजिंग अब देश में तेजी से जनसंख्या वृद्धि चाहता है। ये कदम चीन में 2020 की राष्ट्रीय जनगणना को ध्यान में रखकर उठाए गए हैं, जिसमें पता चला कि 16 से 59 वर्ष (कार्य समूह) के बीच की जनसंख्या में 2010 के बाद से 40 मिलियन लोगों की कमी हुई है। अब तीन बच्चे की नीति के बाद बीजिंग यह भी तय करेगा कि कितनी महिलाओं को गर्भपात नहीं कराना चाहिए।

 


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Content Writer

Tanuja

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