PoK में किसानों के लिए सिरदर्द बने चीनी अखरोट

punjabkesari.in Monday, Feb 07, 2022 - 07:33 PM (IST)

नीलम घाटीः पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में   चीनी अखरोट के आयात में वृद्धि के कारण यहां रहने वाले कुछ स्थानीय किसानों की आजीविका का मुख्य स्रोत खतरे में है और इससे 30000 परिवार प्रभावित हुए हैं । दरअसल  चीनी अखरोट  के आने से बाजार में ऑर्गेनिक  कश्मीरी अखरोट को कड़ा मुकाबला करना पड़ रहा है। चीनी अखरोट में नरम खोल और सफेद गिरी होती है, लेकिन PoK के अखरोट स्थानीय रूप से उगाए जाते हैं और स्वाद में बेहतर होते हैं।

 

डॉन अखबार के लिए लिखते हुए पाकिस्तानी प्रोफेसर साजिद मीर ने कहा कि घर पर जैविक अखरोट उगाने से पीओके में ग्रामीणों के लिए आसान मौसमी आय होती है । हालांकि, जलवायु परिवर्तन और सरकारी ध्यान की कमी अवसरों को चुनौती में बदल रही है। मीर के अनुसार, पिछले एक दशक में  असामान्य बारिश  सहित कई कारणों से घरेलू कश्मीरी अखरोट के कारोबार में सामान्य मंदी है। इसके कारण पिछले 10 वर्षों में सूखे मेवों की कीमत उनकी कीमत के एक चौथाई तक गिर गई है, जिससे लगभग 30,000 परिवारों की खेती करने वाली आबादी के लिए कमाई का स्रोत कम हो गया है।

 

विशेषज्ञों के अनुसार बदलते मौसम से जुड़ा एक अन्य कारक कीट का प्रकोप और पेड़ के तनों और गुठली पर बीमारियों का फैलना है। डॉन ने मुजफ्फराबाद के कृषि वैज्ञानिक जफर जहांगीर के हवाले से कहा, ‘अतीत में कश्मीरी अखरोट की फसलों में कीट का प्रकोप नहीं होता था। उन्होंने कहा, ‘लेकिन वे बहुत आम हो गए हैं क्योंकि उन्हें बदलती जलवायु परिस्थितियों के कारण अनुकूल वातावरण मिल रहा है। ’

 

पाकिस्तानी अखबार ने नीलम के एक व्यापारी खालिद शाह के हवाले से कहा, ‘हमारे अखरोट बहुत पहले दूसरे देशों में निर्यात किए गए थे। ’आगे किसानों की दुर्दशा के बारे में बताते हुए शाह ने कहा, ‘भूरी गुठली पैदा करने वाली फसलों की खराब गुणवत्ता के कारण, हम चीन से पिछले 8 से 10 वर्षों से, अखरोट आयात कर रहे हैं। ’


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Tanuja

Recommended News

Related News