चीन की कोरोना वैक्सीन को असुरक्षित बताने वाला चीनी एक्सपर्ट बयान से पलटा, बताए थे 73 साइड इफैक्ट

punjabkesari.in Tuesday, Jan 19, 2021 - 01:50 PM (IST)

बीजिंगः चीन की सरकारी कंपनी में बनी साइनोफार्म वैक्सीन को सबसे असुरक्षित बताने वाले वैक्सीन एक्सपर्ट  चीन सरकार के दबाव के बाद अपने दावे के कुछ घंटों बाद ही बैकफुट पर आ गए । चीन  की सरकारी वैक्सीन के 73 साइड इफेक्ट्स होने की जानकारी देने वाले ये एक्सपर्ट अब अपने बयान से मुकर गए हैं।  चीन के एक वैक्सीन एक्सपर्ट डॉक्टर ताओ लिना ने चीन के साइनोफार्म वैक्सीन  को दुनिया की सबसे असुरक्षित वैक्सीन होने का दावा किया था। उन्होंने  सोशल मीडिया पर अपने पोस्ट के जरिए बताया था कि इसकी वजह से 73 साइड इफेक्ट्स होने का खतरा है। डॉ ताओ लीना अपनी बात से पलट गए और टीके की आलोचना करने की बात से इंकार कर दिया। उन्होंने विदेशी मीडिया पर शब्दों को घुमा-फिराकर बताने का आरोप लगाया।

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सोशल मीडिया पर शेयर किए गए इस पोस्ट के स्क्रीनशॉट ले लिए गए थे। पोस्ट में लिखा गया था कि साइनोफार्मा कंपनी के 2 खुराक वाले टीकों का जितना साइड इफेक्ट्स है उतना दुनिया की किसी भी वैक्सीन का नहीं है। पोस्ट के अनुसार चीनी वैक्सीन लेने के बाद सिरदर्द, हाई ब्लड प्रेशर, आंखों की रोशनी कम होना और स्वाद में समस्या पैदा और शरीर में दर्द होने जैसे लक्षण पाए गए हैं। शंघाई के इस डॉक्टर का पोस्ट वहां की सोशल मीडिया पर आते ही इस वैक्सीन के खिलाफ खतरे की घंटी बज गई। लेकिन जल्द ही डॉक्टर ताओ लिना ने अपने दावों को वापस ले लिया। उनके  एकदम अपने बयान को वापस लेने पर सवाल उठता है कि क्या उनके साथ भी वही स्थिति तो पैदा नहीं हुई, जो चीन में कोरोना वायरस के शुरू होने से अबतक इससे जुड़े कई लोगों के साथ हो चुका है। 

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डॉ ताओ लीना ने बाद में दावा किया की उन्होंने पोस्ट को काफी व्यंग्यात्मक तरीके से लिखा था। उन्होंने दावा किया कि उन्हें भी वैक्सीन की पहली खुराक मिल चुकी है और दुसरी खुराक जल्द मिलने वाली है। उन्होंने कहा कि चीनी वैक्सीन बहुत असरदार और सुरक्षित है इसी के साथ उन्होंने अपनी पोस्ट के लिए भी मांफी मांगी। माना जा रहा है कि उन्होंने चीन की सरकार के दबाव में अपने बयान से पलटी मारी है। बता दें कि चीन ने 31 दिसंबर को ही साइनोफार्मा की वैक्सीन को मंजूरी दी थी।  चीनी सरकार ने वैक्सीन को लेकर कोई डाटा जारी नहीं किया था। कंपनी ने कहा था कि उसकी वैक्सीन 79.34 प्रतिशत तक असरदार है। 

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 जानकारी के अनुसार चीन कोरोना को लेकर शुरू से ही डाक्टरों और रिपोर्टरों की  आवाज को दबाया जा रहा है।  पिछले महीने ही कोरोना की वुहान से लाइव रिपोर्टिंग के लिए एक महिला सिटीजन रिपोर्टर झांग झान को शंघाई कोर्ट ने चार साल की सजा सुनाई है। इससे पहले वुहान डायरी लिखने वाली चीनी लेखिका फेंग फेंग भी अपनी हत्या की आशंका जता चुकी हैं।  कोविड-19 महामारी के खिलाफ सबसे पहले  मुंह खोलने वाले व्हिसल-ब्लोअर डॉक्टर ली वेनलियांग के बलिदान को  भी दुनिया नहीं भूल सकती है। उन्हें वुहान में सबसे पहले कोरोना वायरस का खुलासा करने के लिए तरह-तरह की यातनाएं झेलनी पड़ी थीं और बाद में कथित रूप से कोरोना से ही संक्रमित होकर उनकी संदिग्ध हालातों में मौत भी हो गई थी ।
 


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Tanuja

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