ड्रैगन ने फिर चली चाल! ताइवान के चारों ओर चीनी सेना ने उड़ाए इतने रूसी लड़ाकू विमान और ड्रोन

punjabkesari.in Friday, Apr 28, 2023 - 05:07 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः चीन की सेना ने ताइवान के पास 38 लड़ाकू विमान और अन्य युद्धक विमान उड़ाये। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। स्व-शासित द्वीप के खिलाफ चीन के लंबे समय से चले आ रहे अभियान के तहत बृहस्पतिवार सुबह छह बजे से शुक्रवार सुबह छह बजे के बीच ताइवान के जल क्षेत्र में नौसेना के छह पोत भी देखे गए थे।

चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने बाद में शुक्रवार को एक बयान में ताइवान जलडमरूमध्य के माध्यम से अमेरिकी नौसेना पी-8ए पोसाइडन एंटी-सबमरीन गश्ती विमान की उड़ान का विरोध किया। पीएलए की सेना के ईस्टर्न थिएटर कमांड ने बृहस्पतिवार की इस उड़ान को उकसावे वाला करार देते हुए कहा कि उसने उड़ान की निगरानी के लिए युद्धक विमान भेजे।

बयान के अनुसार, इस तरह की कार्रवाई ‘‘ पूरी तरह से साबित करती है कि अमेरिका ताइवान जलडमरूमध्य में शांति व स्थिरता के लिए खतरा उत्पन्न कर रहा है।'' जलडमरूमध्य, चीन और ताइवान के बीच एक सहमति के अनुसार एक अनौपचारिक सीमा है। इससे पहले ताइवान के मंत्रालय ने एक बयान में कहा था, 19 विमानों ने ताइवान जलडमरूमध्य में उड़ान भरी। इनमें पांच एसयू-30 और दो जे-16 विमान शामिल हैं। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, टीबी-001 ड्रोन ने द्वीप का चक्कर लगाया।

चीन के आक्रामक रवैये के बावजूद अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष केविन मैक्कार्थी ने अमेरिका के कैलिफोर्निया में ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन की मेजबानी की थी। इसके बाद से चीन इस तरह की कार्रवाई कर रहा है।

गौरतलब है कि चीन सरकार दावा करती है कि ताइवान उसके राष्ट्रीय क्षेत्र का हिस्सा है, जबकि ताइवान की वर्तमान सरकार का कहना है कि यह स्वशासित द्वीप पहले से ही संप्रभु राष्ट्र है और चीन का हिस्सा नहीं है। चीन, ताइवान और अन्य देशों की सरकारों के बीच आधिकारिक स्तर पर किसी भी संपर्क का विरोध करता है। दोनों पक्ष 1949 में एक गृहयुद्ध के बाद अलग हो गए थे। द्वीप कभी भी चीन का हिस्सा नहीं रहा है, हालांकि चीन का कहना है कि यदि जरूरत पड़ी तो द्वीप को बलपूर्वक मुख्य भूमि में शामिल किया जा सकता है।

 

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Yaspal

Recommended News

Related News