चीन का डर्टी गेमः मॉस्क सप्लाई के लिए फ्रांस के सामने रखी रखी Huawei 5G की शर्त (Video)

punjabkesari.in Monday, Apr 06, 2020 - 06:46 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः दुनिया के कई देश कोरोना वायरस की सबसे अधिक मार झेल रहे हैं। इनमें अमेरिका, इटली, स्पेन व फ्रांस ऐसे देश हैं जहा वायरस के कारण हाहाकार मचा हुआ है। इन देशों में मौतों व संक्रमितों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। इनमें से फ्रांस उन देशों में है, जो सबसे ज्यादा मास्क प्रोडेक्शन करता है लेकिन अब कोरोना संकट के चलते उसे चीन से मास्क मांगाना पड़ रहा है। सिर्फ फ्रांस ही नही नीदरलैंड, फिलीपींस, क्रोएशिया, तुर्की और स्पेन आदि चीन से चिकित्सा से जुड़े उपकरण मंगवा रहे हैं । इस बीच चीन इन देशों की जरूरत को देखते हुए अपनी डर्टी गेम शुरू कर दी है। चीन ने अपनी मास्क और जरूरी चीजों को लेकर सौदेबाजी शुरू कर दी है।

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चीन के एक मैकेनिकल इक्पिमेंट सप्लायर के मुताबिक वो बड़े तादाद में ग्लोबल मार्केट में मास्क बेचने के लिए तैयार हैं। उनकी तरफ से 15 दिनों में करीब 20 लाख एन95 मास्क भेजने की बात कही गई है। हालांकि हवाई उड़ान पर रोक के चलते मास्क को देश से बाहर भेजने में मुश्किल हो रही है। ऐसे में चीन की तरफ से कहा गया है कि अगर अमेरिका व फ्रांस को लार्ज स्केल में पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट चाहिए, तो उसे  कॉर्गो विमान उपलब्ध कराने होंगे। ऐसा चीन कोरोना वायरस के कारण आई मंदी से खुद उबारने के लिए कर रहा है । खुद को इस वैश्विक स्वास्थ्य संकट से बाहर निकलने के लिए चीनअपने 5 जी तकनीक के दिग्गज, Huawei  को पश्चिम देशो में प्रमोट करना चाहता है। यही वजह है कि उसने फ्रांस को मॉस्क बेचने के लिए शर्त रखी है कि अगर वो  Huawei 5G  को स्वीकार करता है तो है तो वह उसे मॉस्क भेजने के लिए तैयार है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चीन का कहना है कि वह फ्रांस को एक बिलियन फेस मास्क तभी भेजेगा अगर वह Huawei से अपने 5G उपकरण खरीदने को स्वीकृति देगा।

 

चीन ने रविवार को कहा कि उसने मार्च से अब तक अन्य देशों को करीब चार अरब मास्क बेचे हैं। चीन ने यह जानकारी ऐसे समय दी है जब चिकित्सा से जुड़े उसके उपकरणों को खरीदने वाले देश गुणवत्ता को लेकर सवाल उठा रहे हैं। चीन के सीमा शुल्क विभाग की एक अधिकारी जिन हेई ने कहा कि एक मार्च से अभी तक 50 से अधिक देशों को 3.86 अरब मास्क, 3.75 करोड़ सुरक्षा परिधान, 16 हजार वेंटिलेटर और 28.4 लाख कोविड-19 टेस्टिंग किट निर्यात किये गये हैं। उन्होंने कहा कि ये निर्यात 10.2 अरब युआन यानी 1.4 अरब डॉलर के बराबर हैं। चीन से चिकित्सा से जुड़े उपकरण मंगाने वाले कई देश जैसे नीदरलैंड, फिलीपींस, क्रोएशिया, तुर्की और स्पेन आदि गुणवत्ता को लेकर शिकायत कर रहे हैं।

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नीदरलैंड ने पिछले सप्ताह चीन से आये 13 लाख मास्क में से छह लाख मास्क खराब गुणवत्ता के कारण लौटा दिये। स्पेन ने भी हजारों कोविड-19 टेस्ट किट को खारिज कर दिया। यूरोपियन यूनियन खराब क्वॉलिटी के चीनी मास्क और टेस्ट किट को लेकर शिकायत कर चुका है। इसके बाद चीन के वॉणिज्य मंत्रालय ने भरोसा दिया कि वो मास्क को तय स्टैंडर्ड के मताबिक ही बनाएंगे। चीन की ओर से अमेरिका और अन्य यूरोपीय देशों को मास्क की सप्लाई की जा रही है। व्हाइट हाउस ने ऐलान किया है कि अगले एक हफ्ते में वो 22 कार्गो प्लेन के जरिए पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट को एयरलिफ्ट करेंगे। अमेरिका ने कहा कि अगले 72 घंटों में प्रोटेक्शन इक्विपमेंट की कमी से जूझ रहे अस्पतालों में इनकी दोबारा सप्लाई की जाएगी। बता दें कि फ्रांस के पास मास्क का एक बड़ा स्टॉक है, जिसे उसने चीन से खरीदा है।

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Tanuja

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