उइगर के बाद उत्सुल मुस्लिमों पर कहर बरपा रहा चीन, लगाए कड़े प्रतिबंध

punjabkesari.in Wednesday, Feb 17, 2021 - 11:56 AM (IST)

 बीजिंगः चीन अपने यहां सबसे छोटी मुस्लिम आबादी को खत्म करने के लिए पूरी ताकत झोंक रहा है। शिजियांग में उइगर मुस्लिमों पर कहर बरपाने के बाद अब चीन ने हैनान प्रांत के सान्या में रहने वाले कम आबादी के उत्सुल मुसलमानों पर कहर बरपाना शुरू कर दिए हैं। चीन ने उत्सुल मुसलमानों पर  कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का नया टारगेट दस हजार आबादी वाले उल्सुल मुसलमान हैं। ड्रैगन ने उनकी मस्जिदों से लाउडस्पीकरों को हटवा दिया है और बच्चों को अरबी पढ़ने से रोक रहा है।   रिपोर्ट में कहा गया है कि, सरकारी नीतियों में उल्ट-पलट करते हुए हैनान के सान्या शहर में कई तरह के प्रतिबंध लागू किए गए हैं। 

 

स्थानीय धार्मिक नेताओं और निवासियों ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि कुछ साल पहले तक, अधिकारी उत्सुल समुदाय की इस्लामी पहचान और मुस्लिम देशों के साथ उनके संबंधों का समर्थन किया था। अब उनकी परेशानियां बता रही हैं कि बीजिंग किस तरीके से सबसे छोटे मुस्लिम अल्पसंख्यकों की धार्मिक पहचान को मिटाने के लिए काम कर रहा है। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी कई बार दावा कर चुकी है कि इस्लाम और मुस्लिम समुदायों पर लगाए गए प्रतिबंध 'हिंसक धार्मिक चरमपंथ पर अंकुश लगाने' के उद्देश्य से हैं। बीजिंग के अधिकारियों ने इस तर्क का इस्तेमाल शिनजियांग में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर अपने दबदबे को सही ठहराने के लिए किया है। चीन में इस्लाम पर अध्ययन करने वाले फ्रॉस्टबर्ग स्टेट यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर मा हायुन का कहना है कि उत्सुल मुस्लिमों पर कड़ा नियंत्रण चीनी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा स्थानीय समुदाय के खिलाफ उसके कैंपेन को दिखाता है। 

 

उन्होंने कहा कि यह पूरी तरीके से सरकार द्वारा कंट्रोल किए जाने की कोशिश है। यह साफ तौर पर इस्लाम विरोधी है। हालांकि, चीनी सरकार लगातार उस पर लगने वाले इस्लाम विरोधी होने के आरोपों को नकारती रही है। लेकिन, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और उनके शीर्ष नेताओं के नेतृत्व में, पार्टी ने कई मस्जिदों को धवस्त कर दिया है। इसके अलावा, उत्तर-पश्चिमी और मध्य चीन में मौजूद कई इस्लामिक गुंबदों को गिरा दिया गया। उत्सुल मुस्लिमों पर ढहाए जा रहे कहर की वजह से एक बार फिर से उइगर मुसलमानों को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। इनकी आबादी एक करोड़ से अधिक है और इन्हें बड़ी संख्या में शिनजियांग के डिटेंशन कैंप्स में जबरदस्ती कैद कर रखा गया है। कई तरीकों से प्रताड़ित भी किया जाता रहा है।  

 

मलेशियाई-चीनी लेखक यूसुफ लियू, जिन्होंने उत्सुल पर अध्ययन किया है, ने कहा कि समूह एक अलग पहचान बनाए रखने में सक्षम था, क्योंकि वे सदियों से भौगोलिक रूप से अलग-थलग थे और अपनी धार्मिक मान्यताओं को लेकर प्रतिबद्ध थे। लियू ने कहा कि वे भाषा, पोशाक, इतिहास, ब्लड रिलेशन और भोजन सहित कई सामान विशेषताओं को साझा करते हैं।  रिपोर्ट के अनुसार स्थानीय मस्जिद के धार्मिक नेताओं को लाउडस्पीकर्स हटाने के लिए कहा गया। इसके अलावा, आवाज को भी कम रखने की बात कही गई। एक नई मस्जिद का निर्माण कथित रूप से अरब वास्तुशिल्प तत्वों के विवाद की वजह से रुका हुआ है। अब यहां पूरी तरह से धूल इकट्ठा हो गई है। निवासियों का कहना है कि शहर में 18 साल से कम उम्र के बच्चों को अरबी पढ़ने से रोक दिया गया है।

 


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Content Writer

Tanuja

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