चीन में 3 बच्चे पैदा करने की नई नीति से नाखुश 90 प्रतिशत चीनी नागरिक, दी ऐसी प्रतिक्रिया

punjabkesari.in Wednesday, Jun 02, 2021 - 12:03 PM (IST)

बीजिंगः दुनिया में सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश चीन इन दिनों अपनी गिरती जन्मदर को लेकर टेंशन में है।  बढ़ते जनसांख्यिकीय संकट के बीच चीन ने सोमवार को  शादीशुदा जोड़ों को तीन बच्चे पैदा करने की अनुमति दे दी है जबकि पहले चीन में सिर्फ दो बच्चों को ही जन्म देने की इजाजत थी।   इस फैसले के पीछे तर्क दिया जा रहा है की, ऐसा करने से सामाज में बैलेंस बनाने में मदद मिलेगी। लेकिन ऐसी आशंका भी जताई जा रही है की, इस फैसले के बाद कार्यक्षेत्रों में भेदभाव बढ़ने की संभावना है। सरकार के इस कदम को  लेकर चीनी सोशल मीडिया पर  कोई खास प्रतिक्रिया या उत्साह देखने को नहीं मिला है ।

 

साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट (एससीएमपी) की रिपोर्ट के अनुसार   पिछले महीने जारी हुए जनसंख्या के आंकड़ो ने सरकार को चिंता में डाल दिया है क्योंकि चीन की 1.4 अरब की आबादी मुश्किल से बढ़ रही है और जन्मस्तर भी महज़ प्रति महिला 1.3 बच्चों पर ही रुका हुआ है  जो भविष्य के लिए खतरे का संकेत है। साल 2016 में जो बच्चों को जन्म देने की अनुमति के बाद से अभी तक उस फैसले का कोई खास प्रभाव नहीं दिखाई दिया।  इस महीने जारी चीन की दशक में एक बार होने वाली जनगणना से पता चलता है कि पिछले साल 1.2 करोड़ बच्चे पैदा हुए थे, जो 1961 के बाद सबसे कम है। इससे यह भी पता चलता है कि पिछले 10 वर्षों में देश की जनसंख्या में केवल 5.38 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

 

CNN की  रिपोर्ट के अनुसार  चीनी माइक्रोब्लॉगिंग साइट वीबो पर तीसरे बच्चा या किसी बच्चे को न चाहने के कारण सबसे गंभीर विषयों में से थे। क्योंकि चीनी नागरिक पहले से ही  महंगी चाइल्ड कैअर व रहने की बढ़ती लागत  के  काम के अधिक घंटों की समस्याओं से  पीड़ित हैं।एक Weibo उपयोगकर्ता ने लिखा ऐसा इसलिए है क्योंकि मैं थका हुआ महसूस करता हूं। जब जीवन में दबाव इतना अधिक है तो मैं बच्चा कैसे पैदा कर सकता हूं?" समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने वीबो उपयोगकर्ताओं से यह पूछने के लिए एक ऑनलाइन सर्वेक्षण भी किया कि क्या वे तीसरा बच्चा चाहते हैं। इसने आधे घंटे के भीतर 300,000 से अधिक प्रतिक्रियाएं प्राप्त कीं, जिनमें से 90 प्रतिशत ने "बिल्कुल नहीं"  लिखा। बाद में इस सर्वेक्षण को चुपचाप हटा दिया गया।

 

अब उम्मीद की जा रही है की 3 बच्चे पैदा करने की पालिसी  के बाद कुछ बदलाव नजर आएगा। चीनी सरकार ने संकेत दिए हैं की तीन बच्चों के जन्म पर जोर देने के लिए, वो टैक्स और हाउसिंग में छूट को लेकर कुछ फैसले कर सकते हैं। लेकिन आंकड़े बताते है कि सरकार के इस तरह के फैसले ज्यादा प्रभावकारी नहीं होते। विश्व बैंक के आंकड़ो के हिसाब से साल 2018 में चीन ने देश में स्वास्थ्य सेवाओं पर सकल घरेलू उत्पाद का केवल तीन फीसद शामिल किया था, जो की बहुत ही कम है। साथ ही शिक्षा पर बजट भी लगभग चार फीसद रहा है।

 

हमेशा से ही देखा गया है की चीन में व्यापार और सरकार में महिलाओं का योगदान बहुत कम रहा है। साल 1990 से चीन के कामकाज में महिलाओं की भागीदारी में गिरावट ही दर्ज की गई है, वहीं साल 2019 में सामने आया था की चीन की शीर्ष कंपनियों में 10 फीसद से कम महिलाएं ही उच्चे पदों पर हैं। साथ ही वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में चीन ग्लोबल जेंडर गैप इंडेक्स के निचले तीसरे स्थान पर है। 2018 में ह्यूमन राइट्स वॉच के एक सर्वे से पता चला था कि सिविल सेवा की 19 फीसद नौकरियों में पुरुषों को ही प्राथमिकता दी गई है।


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Content Writer

Tanuja

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