चीन के BRI प्रोजेक्टस ने तोड़ी सहयोगी देशों की कमर, पाकिस्तान-श्रीलंका सहित कई देश प्रभावित

punjabkesari.in Saturday, Jan 28, 2023 - 03:49 PM (IST)

बीजिंगः चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) परियोजना इसके साथ जुड़े सहयोगी देशों के लिए जी का जंजाल  बनी हुई है। साउथ रिसर्च इनिशिएटिव (SSRI) की रिपोर्ट के अनुसार, जांबिया, पाकिस्तान, लाओस, अंगोला और श्रीलंका से तथ्यों का विश्लेषण करने के बाद BRI के भविष्य पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। इस परियोजना के जरिए चीन ने पूरी दुनिया में अरबों डालर का निवेश किया है। चीन ने BRI के जरिए इन देशों में खासा निवेश किया है और इन देशों को सपने दिखाए हैं कि इससे उनके बुनियादी ढांचे में सुधार आएगा, जो उन्हें आर्थिक विकास में मदद करेगा।

 

हालांकि, चीनी सरकार इन दिनों BRI के तहत नए कर्ज जारी नहीं कर रही है। रिपोर्ट के अनुसार  दूरगामी परिणामों की चिंता किए बिना BRI प्रोजेक्ट को बहुत जल्दी लागू किया गया। इसके साथ ही कई राष्ट्र इस प्रोजेक्ट का सर्मथन करते हैं, लेकिन आर्थिक योगदान नहीं देना चाहते हैं, उनका मानना है कि चीन को अधिकांश खर्च वहन करना चाहिए।  अब इन पांच देशों में सरकार के इन उपायों से लोगों में असंतोष को बढ़ा दिया है, जो चीनी निवेश के परिणाम से लाभान्वित नहीं हो रहे हैं। चीन की सहायता का बोझ इतना ज्यादा हो जा रहा है कि श्रीलंका जैसे देश इसे चुका नहीं पा रहे हैं। चीन के कर्जजाल में फंसा श्रीलंका डिफाल्ट कर गया है और अपने विदेश कर्ज को नहीं लौटा पा रहा है। हालत यह हो गई कि जनता ने विद्रोह कर दिया और चीन समर्थक गोटाबाया राजपक्षे को देश छोड़कर जाना पड़ा था।
SSRI रिपोर्ट के अनुसार चीन ने ज्यादातर निगमों, नागरिक समाज समूहों और स्थानीय निवासियों की चिंताओं पर विचार किए बिना सरकारी संस्थानों के साथ बातचीत करने पर ध्यान केंद्रित किया।

 

जांबिया, पाकिस्तान, अंगोला, लाओस और श्रीलंका के साथ चीन के जुड़ाव से इस मुद्दे को सबसे अच्छी तरह समझा जा सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, चीन द्वारा 2013 में शुरू की गई BRI प्रोजेक्ट के कारण सहयोगी देशों में आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक बदलाव दिखाई दे रहा है। चीन के निवेश से लाभ उठाने के लिए जांबिया सरकार द्वारा कोई रणनीति नहीं बनाई गई है। इस बात पर भी जांबिया मौन है कि चीनी निवेशक देश के औद्योगिक क्षेत्र को नष्ट कर रहे हैं। एसएसआरआई के अनुसार, चीन की BRI परियोजना ने पाकिस्तान में सामाजिक अशांति पैदा कर दी है और आर्थिक अस्थिरता को भी जन्म दिया है। पाकिस्तान की हालत भी खराब है। स्थानीय समुदाय मछली पकड़कर अपनी रोजी-रोटी चलाता था जो अब कड़े सुरक्षा इंतजामों के कारण बंद हो गया है।

 

दक्षिण-पूर्वी एशियाई देश लाओस इन दिनों चीन के भारी कर्ज-जाल की गिरफ्त में है। चीन ने लंबे समय से लाओस के आधारभूत ढांचे में बड़े स्तर पर निवेश किया है। चीन लाओस में नीति-निर्माण प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए अपनी शक्ति का उपयोग कर सकता है। रियल एस्टेट बाजार बनाने के लिए विधायी सुधारों की कमी के कारण अंगोला की अनिच्छा से चीन ने इस सेक्टर में निवेश से मना कर दिया है। इससे वहां के नागरिकों में काफी रोष है। श्रीलंका में BRI परियोजनाओं में भ्रष्टाचार और पारदर्शिता की कमी दिखाई देती है। सिंगापुर पोस्ट ने हाल ही में रिपोर्ट दी थी कि चीन 2023 में BRI के माध्यम से 140 भागीदार देशों के साथ अपने राजनयिक और आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के साथ अपने प्रभाव का विस्तार करने की कोशिश कर रहा है। 2022 की तरह 2023 में भी चीन ने ट्रेनों की परिवहन क्षमता बढ़ाने के प्रयास करने का प्रस्ताव रखा है।


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Content Writer

Tanuja

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