कोरोना ने जकड़ी चीन की अर्थव्यवस्था, जीरो कोविड पॉलिसी कारण धीमी पड़ी विकास की चाल

punjabkesari.in Sunday, Jul 17, 2022 - 01:59 PM (IST)

बीजिंगः पूरी दुनिया को जान और माल का  नुकसान पहुंचााने वाली महामारी कोरोना वायरस ने चीन की अर्थव्यवस्था पर सबसे बुरा प्रभाव डाला है। यह संक्रमण चीन से ही निकला था और पूरी दुनिया के लिए मुसीबत बन गया था। पिछले महीने तक इस वायरस ने चीन को लॉकडाउन के साये में  रखा । चीनी सरकार ने कोरोना से लड़ने के लिए देश में जीरो कोविड पॉलिसी लागू की, जिसने उसकी अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान पहुंचाया है। ताजा रिपोर्ट के अनुसार चीन की अर्थव्यवस्था दूसरी तिमाही में तेजी से गिरते हुए 0.4 प्रतिशत पर आ गई, जो 2 साल में सबसे कम है। दरअसल, जीरो कोविड पॉलिसी के तहत चीन के प्रमुख शहरों में कई महीनों तक लॉकडाउन लगा रहा। इससे बिजनेस और इंडस्ट्रियल सप्लाई सिस्टम को काफी नुकसान पहुंचा।

 

नेशनल ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स (NBS) की ओर से शुक्रवार को जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, 2022 की दूसरी तिमाही में विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन की आर्थिक वृद्धि उम्मीद से कम रही और एक साल पहले की तुलना में सिर्फ 0.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई। 2020 की पहली तिमाही में जब कोरोना सामने आया, तब चीन की अर्थव्यवस्था में 6.8 प्रतिशत की गिरावट के बाद यह सबसे कम विकास दर है।  हालांकि 2022 की पहली छमाही में चीन के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में सालाना आधार पर 2.5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

 

चीन ने 2022 के लिए अपना सकल घरेलू उत्पाद विकास लक्ष्य लगभग 5.5 प्रतिशत निर्धारित किया है। अर्थव्यवस्था की मंदी सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना की पांच साल में एक बार होने वाली प्रमुख कांग्रेस से पहले आई है,  जिसके इस साल जल्द ही आयोजित होने की उम्मीद है। इस बैठक में व्यापक रूप से राष्ट्रपति शी जिनपिंग को तीसरे कार्यकाल के लिए समर्थन मिलने की उम्मीद है। पार्टी के संस्थापक माओत्से तुंग के बाद 68 वर्षीय शी जिनपिंग एकमात्र चीनी नेता होंगे जो पांच साल के दो कार्यकाल से अधिक समय तक और शायद जीवन भर सत्ता में बने रहेंगे।
 

अर्थव्यवस्था में आई इस गिरावट पर एनबीएस के प्रवक्ता फू लिंगहुई ने कहा, "हमें इस बात का पता होना चाहिए कि अर्थव्यवस्था की स्थायी और स्थिर वसूली की नींव को समेकित किया जाना बाकी है। ऐसा इसलिए है क्योंकि बाहरी रूप से, विश्व अर्थव्यवस्था में गतिरोध का खतरा बढ़ रहा है, प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की नीतियां सख्त होती जा रही हैं और बाहरी अस्थिरताएं और अनिश्चितताएं स्पष्ट रूप से बढ़ रही हैं। इसके अलावा कोरोना महामारी ने भी काफी कुछ प्रभावित किया है।
  ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स के प्रमुख अर्थशास्त्री टॉमी वू ने बताया कि, "महामारी की शुरुआत के बाद से दूसरी तिमाही की जीडीपी वृद्धि सबसे खराब दौर से गुजरी क्योंकि लॉकडाउन का विशेष रूप से शंघाई में तिमाही की शुरुआत में गंभीर प्रभाव पड़ा।" चीन की जीरो कोविड पॉलिसी की देश में भी काफी आलोचना हुई थी। 


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Content Writer

Tanuja

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