मेड इन इंडिया को पलीता लगायगा चीन !

punjabkesari.in Thursday, Mar 16, 2017 - 02:45 PM (IST)

बीजिंगः ग्लोबल बैटरी मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री में चीन एक बड़ी ताकत बनने की तैयारी कर रहा है और यह 2020 तक ग्लोबल मार्केट के कम-से-कम 60 प्रतिशत हिस्से पर कब्जा करने के करीब है। अभी इस इंडस्ट्री में जापानी और कोरियाई कंपनियां चीन से आगे हैं। ऐनालिस्ट्स का कहना है कि अगर भारत सरकार और इंडस्ट्री बैटरी मैन्युफैक्चरिंग में आगे बढ़ने के लिए जल्द एक साथ नहीं आते तो देश एक अन्य महत्वपूर्ण प्रॉडक्ट की मैन्युफैक्चरिंग में वैसे ही पिछड़ सकता है जैसे उसने सोलर मॉड्यूल सेगमेंट में चीन से मात खाई थी।

ब्रिज टु इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर विनय रुस्तगी ने बताया, 'ग्लोबल सोलर मॉड्यूल मैन्युफैक्चरर्स को बिजनस से बाहर करने के बाद चीन एनर्जी स्टोरेज इंडस्ट्री पर दबदबे के लिए सरकारी सब्सिडी, डोमेस्टिक कोटा, विदेशी कंपनियों पर बंदिशें और रॉ मटीरियल की सप्लाइ पर कब्जे जैसी प्रत्येक चाल का इस्तेमाल कर रहा है। इस इंडस्ट्री में अभी तक पैनासोनिक, सैमसंग SDI और LG केम जैसी जापानी और कोरियाई कंपनियां अग्रणी रही हैं।' स्मार्ट ग्रिड फोरम के प्रेजिडेंट रेजी पिल्लई ने कहा, 'भारत में अभी तक बैटरी मैन्युफैक्चरिंग और इलेक्ट्रिक कारों के इस्तेमाल पर पॉलिसीज की कोई घोषणा नहीं की गई है।

अगर चीन ग्लोबल बैटरी मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री में  पैर जमाता है तो यह मेड इन इंडिया को पलीता लगाने के समान होगा। उन्होंने कहा कि एक इलेक्ट्रिक वीइकल की कीमत में बैटरी के प्राइस का बड़ा हिस्सा होता है और भारत में इन बैटरीज में से कोई नहीं बनती। देश में बैटरीज पर रिसर्च काफी सीमित है और यह मुख्यतौर पर लैबरेटरीज तक ही है। हालांकि, सरकार ने बैटरीज और कारों सहित इनके इस्तेमाल के लिए पॉलिसीज पर एक टास्क फोर्स बनाई है। इससे इस सेगमेंट को रफ्तार मिलने की उम्मीद है।'

 


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