चीन-पाकिस्तान CPEC परियोजना फिर अधर में, बीजिंग ने रोका काम
punjabkesari.in Tuesday, Nov 17, 2020 - 03:07 PM (IST)
इंटरनेशनल डेस्कः पाकिस्तान में चल रही अस्थिरताओं के कारण चीन की CPEC परियोजना एक बार फिर लटकती नजर आ रही है। पाकिस्तान में कोरोना महामारी, राजनीतिक संकट और विदेशी कर्ज लेने की सीमा के चलते चीन ने पाकिस्तान में फिलहाल निवेश रोक दिया है जिस वजह से चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) प्रोजेक्ट्स का काम फिलहाल रुक गया है। पाक के कारण अपनी बेहद महत्वकांशी परियोजना को संकट में देख चीन ऐसी रणनीति भी अपना रहा है जिससे पाकिस्तान ज्यादा ब्याज दर पर कर्ज लेने को मजबूर हो जाए। CPEके तहत चीन पाकिस्तान में 62 बिलियन डॉलर का निवेश करने वाला है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन पाकिस्तान से खफा भी है क्योंकि इमरान सरकार बड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर्स के काम में तेजी नहीं ला रहे हैं। इमरान सरकार ने 2018 में CPE के कुछ प्रोजेक्ट्स का काम रुकवा भी दिया था। तब इमरान ने कहा था कि उन्हें पिछली सरकार में उन प्रोजेक्ट्स में भ्रष्टाचार का शक है। हालांकि, दो साल बाद उनकी कैबिनेट के ही सदस्य पावर सेक्टर के भ्रष्टाचार में लिप्त पाए गए। पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (PDM) जो कि 11 विपक्षी पार्टियों का गठबंधन है उसने इमरान सरकार पर चीनी परियोजनाओं पर तेजी से काम करने को कहा है, आरोप है कि पिछले 5 महीनों में उनमें कोई तेजी नहीं देखी गई है।
रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल असीम सलीम बाजवा जिन्हें सीपीईसी अथॉरिटी का चेयरमैन बनाया गया था, उनका नाम भी भ्रष्टाचार में आया है, यह चीन के लिए किसी झटके से कम नहीं है क्योंकि प्राइवेट हाथों में काम जाने पर उसे भ्रष्टाचार का डर था इसलिए उसने मिलिट्री को साझेदार बनाया, लेकिन वहां भी भ्रष्टाचार के मामले आने लगे। CPEC का एक हिस्सा एमएल-1 रेल प्रोजेक्ट भी है। पाकिस्तान ने इसके लिए चीनी लोन 1 प्रतिशत ब्याज दर पर देने की मांग उठाई है लेकिन यहां चीन टाल-मटोल की रणनीति अपना रहा है, ताकि पाकिस्तान प्रेशर में आकर ऊंची कीमत पर लोन लेने को तैयार हो जाए।
भारत लगातार कर रहा CPEC का विरोध
बता दें कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) चीन का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है जो गुलाम कश्मीर और अक्साई चिन जैसे विवादित इलाकों से होकर गुजरता है। भारत लगातार इस प्रोजेक्ट का विरोध करता रहा है, क्योंकि यह गुलाम कश्मीर से होकर गुजरता है। मुख्य तौर पर यह एक हाइवे और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट है जो चीन के काशगर प्रांत को पाकिस्तान के ग्वारदर पोर्ट से जोड़ेगा। इस प्रोजेक्ट के तहत पाकिस्तान में बंदरगाह, हाइवे, मोटरवे, रेलवे, एयरपोर्ट और पावर प्लांट के साथ ही दूसरे इंफ्रास्क्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को विकसित किया जाएगा।