ड्रैगन को आर्थिक आक्रामकता पड़ रही भारी, सबसे बुरे ब्लैकआउट का सामना कर रहा चीन

punjabkesari.in Monday, Dec 28, 2020 - 03:40 PM (IST)

बीजिंग:  दुनिया में नए विकास की परिभाषा गढ़ने की मंशा रखने वाला चीन इस समय खुद अंधरे में डूबा नजर आ रहा है।  चीन को पिछले कुछ दशकों में से इस बार सबसे खराब ब्लैकआउट का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि वर्तमान में चीनी अर्थव्यवस्था कोरोनोवायरस महामारी के प्रभावों से उबरने की कोशिश कर रही है, लेकिन लगता है कि ड्रैगन की सब कोशिशें  धरी रह गई हैं। ब्लैक आऊट के चलते सर्दियों के दौरान चीन में बिजली उत्पादन मांग के अनुरूप नहीं रहा है। इसके वैसे को कई कारण हैं लेकिन एक प्रमुख कारण है  चीन का ऑस्ट्रेलिया से कोयला आयात पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया।  बीजिंग ने  न केवल ऑस्ट्रेलियाई कोयला परप्रतिबंध लगाने का फैसला किया बल्कि मई में  ऑस्ट्रेलियाई जौ पर 80% टैरिफ लगाया और ऑस्ट्रेलियाई गोमांस के आयात पर भी बैन लगा दिया।

 

चीन द्वारा ऑस्ट्रेलियाई कोयले पर लगाए गए प्रतिबंध  का खमियाजा खुद उसी को झेलना पड़ रहा है। ऑस्ट्रेलियाई कोयले पर बैन के चीन को औद्योगिक इकाइयों को ब्लैकआउट का सामना करना पड़ रहा है, जिसके परिणामस्वरूप विदेशी ऑर्डर पूरी न होने के कारण चीनी उद्योगपति नुकसान झेलने को मजबूर हैं। बिजली की कमी इतनी ज़्यादा है कि अब शहरों में अधिक पावर कट देखने को मिल रहे हैं। इन प्रान्तों में सरकार पहले ही सरकारी इमारतों में हीटरों और एलीवेटर्स के उपयोग पर पाबंदी लगा चुकी है।  सर्दी के मौसम में बिना हीटर के लोगों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और यही कारण है कि अब बड़ी संख्या में चीनी लोग सोशल मीडिया पर आकर सरकार से बेहतर सुविधा प्रदान करने की अपील कर रहे हैं। 

 

एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया के कोयले पर प्रतिबंध के कारण चीन के उद्योगपति भी खासा नाराज़ चल रहे हैं। एक चीनी उद्योगपति के मुताबिक  उन्होंने उच्च गुणवत्ता के कोयले को इस्तेमाल करने के लिए अपनी यूनिट्स कोअपग्रेड किया हुआ है, और रूस या इंडोनेशिया से आयात किए गए कम गुणवत्ता वाले कोयले को उसकी जगह इस्तेमाल करना घाटे का सौदा साबित होगा।  बता दें कि कोरोना के बाद से ही चीन और ऑस्ट्रेलिया के बीच रिश्तों में भारी तनाव देखने को मिल रहा है। कोरोना की उत्पत्ति की जांच की मांग करने के बाद से ही ऑस्ट्रेलिया चीन के आर्थिक हमलों को झेल रहा है। इस आर्थिक युद्ध के दौरान चीन ने पहले ही ऑस्ट्रेलिया से आयात होने कोयला, गेंहू, चीनी, शराब और लकड़ी पर पाबंदी लगाई हुई है।

 

इस “अवैध” पाबंदी के खिलाफ ऑस्ट्रेलियाई सरकार अब विश्व व्यापार संगठन में चीन के खिलाफ मोर्चा खोलने जा रही है। बेशक इस व्यापार युद्ध में ऑस्ट्रेलिया को बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ है, लेकिन अब मीडिया रिपोर्ट्स इस बात की ओर इशारा कर रही हैं कि खुद China में भी इस व्यापार युद्ध के कई नकारात्मक प्रभाव दिखना शुरू हो गए हैं। इस “अवैध” पाबंदी के खिलाफ ऑस्ट्रेलियाई सरकार अब विश्व व्यापार संगठन में चीन के खिलाफ मोर्चा खोलने जा रही है।

 

बेशक इस व्यापार युद्ध में ऑस्ट्रेलिया को बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ है, लेकिन अब मीडिया रिपोर्ट्स इस बात की ओर इशारा कर रही हैं कि खुद China में भी इस व्यापार युद्ध के कई नकारात्मक प्रभाव दिखना शुरू हो गए हैं। एशिया टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार ऑस्ट्रेलिया के उच्च गुणवत्ता वाले कोयले पर पाबंदी लगाने के बाद चीन के उद्योगों और चीन के एनर्जी सेक्टर पर इसका बड़ा दुष्प्रभाव पड़ा है एक रिपोर्ट के मुताबिक कोयले पर पाबंदी के बाद चीन के हुनान और जेझियांग प्रान्तों में बिजली की भारी कमी हो गयी है।

 

  


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Tanuja

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