समुद्र में अब दुनिया की सबसे बड़ी ताकत बना चीन, अमेरिका से भी निकला आगे

punjabkesari.in Sunday, Mar 07, 2021 - 10:38 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः दुनिया पर कब्जे की नीयत रखने वाला चीन अब अमेरिका के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गया है। अमेरिका को टक्कर देने के लिए चीन ने दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना बना ली है।  एक अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक वर्तमान में चीनी नौसेना (PLA)  के पास अमेरिका से अधिक युद्धपोत और पनडुब्बियां है। अमेरिकन नेवी का ये खुलासा पूरी दुनिया के लिए खतरे की घंटी से कम नहीं है। चीन जिस तरीके से रक्षा क्षेत्र में खर्च कर रहा है और उसकी विस्तारवादी नीति आने वाले वक्त में विश्व को युद्ध की ओर धकेल सकती है। 20 साल में अपने से तीन गुना शक्तिशाली आगे निकला

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 माओत्से तुंग के बाद चीन के दूसरे सबसे शक्तिशाली नेता बने शी जिनपिंग चीनी नौसेना को एक ऐसी ताकत प्रदान कर रहे हैं जो दुनिया के सात महासागरों में चीन की महानता और शक्ति को प्रदर्शित करेगा। लेकिन यह भी सत्य है कि चीनी नौसेना के पास इतनी बड़ी संख्या में हथियारों के होने के बावजूद उनकी फायर पॉवर और युद्धक क्षमता दुनिया के कई देशों से काफी कम है।

 

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग कई बार  दावा कर चुके हैं कि उनकी सेना का उद्देश्य किसी देश पर हमला करना नहीं है।  लेकिन सवाल यह  है कि आखिर क्यों चीन इतनी तेजी से अपनी नौसेना की ताकत को बढ़ा रहा है? साल 2018  को चीनी नौसेना यानि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नेवी के एक युद्धपोत पर हुए सवाल पर चीन के  राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने साउथ चाइना सी में अपनी सामरिक ताकत का प्रदर्शन किया था। इस युद्धाभ्यास में एक समय में 48 युद्धपोत, दर्जनों लड़ाकू विमान और 10000 से अधिक नौसैनिक शामिल हुए थे।

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 यूएस ऑफिस ऑफ नेवल इंटेलीजेंस के मुताबिक, 2020 तक समुद्र में चीन ने 360 से ज्यादा युद्धपोतों की तैनाती कर चुका है, जो उसे सबसे ताकतवर समुद्री ताकत बनाता है। यूएस नेवल वार कॉलेज में चीन मेरीटाइम स्टडीज बढ़ाने वाले एंड्रयू इरिक्शन ने लिखा है कि चीन ने नेवल शिपयार्ड को सख्त निर्देश देते हुए कहा है कि जो भी जहाज बनेगा वो सबसे अच्छा बनना चाहिए। चीन पहले से ही जहाज निर्माण की कला में पारंगत था। साल 2015 में चीनी नौसेना ने अपनी ताकत को अमेरिकी नौसेना के बराबर करने के लिए व्यापक मुहिम चलाई थी। चीन को आगे देख अमेरिकी नेवी आने वाले वक्त में अपने युद्धपोतों की संख्या 297 से 355 के बीच करने की योजना में जुट गया है।

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 चीनी नौसेना ने पिछले 5-6 साल में अपनी ताकत को कई गुना बढ़ा लिया है। ऐसे में यह न केवल अमेरिका के लिए खतरे की बात है, बल्कि इस क्षेत्र में शांति और कानून का पालन करने वाले देशों की चिंताएं बढ़ाने वाला मुद्दा भी है। चीन साउथ चाइना सी के बड़े हिस्से पर अपना दावा करता है। इसे लेकर वह वियतनाम, ताइवान, फिलिपींस, मलेशिया, इंडोनेशिया और ब्रुनेई के साथ उलझ भी चुका है।


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Content Writer

Tanuja

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