बलूचिस्तान में CPEC प्रोजेक्ट के खिलाफ जारी प्रदर्शनों ने बढ़ाई चीन की टेंशन

punjabkesari.in Sunday, Dec 26, 2021 - 06:27 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः पाकिस्तान के बलूचिस्तान में CPEC प्रोजेक्ट के खिलाफ महीने भर से  जारी विरोध-प्रदर्शनों से चीन टेंशन में है। ग्वादर में पाकिस्तानी सरकार के खिलाफ शांतिपूर्ण व सशस्त्र प्रदर्शनों में वृद्धि ने चीन की चिंता बढ़ा दी है। यूरोपीय थिंक टैंक के अनुसार बलूचिस्तान के ग्वादर में पिछले एक महीने से अधिक से 'ग्वादर को हक दो' आंदोलन जारी है। जमात-ए-इस्लामी के बलोचिस्तान महासचिव मौलाना हिदायत-उर-रहमान के नेतृत्व में यह विरोध-प्रदर्शन किया जा रहा है।

 

इस प्रदर्शन से व्यापारी भी जुड़े हुए हैं और ग्वादर को पाकिस्तान के आर्थिक केंद्र कराची से जोड़ने वाले सही हाईवे को बंद कर दिया गया है और वहां लोग धरने पर बैठे हुए हैं। विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि ग्वादर में चीनी लोगों को रोजगार दिए जाने से स्थानीय मछुआरे बेरोजगार हो गए हैं। यूरोपियन फाउंडेशन फार साउथ एशियन स्टडीज (EFSAS ) के अनुसार, 'पाकिस्तान, खासकर बलूचिस्तान की बड़ी आबादी द्वारा बुनियादी सुविधाओं की मांग आश्चर्यजनक नहीं है। ये सुविधाएं या तो उन्हें प्रदान ही नहीं की गईं, या उनसे छीन ली गई हैं। अक्सर इन मांगों को हिंसक विरोध प्रदर्शनों के जरिये भी रखा जाता, जिसमें जानमाल का भी नुकसान होता है।'

 

मछली पकड़ने वाले अनुसूचित जनजाति से ताल्लुक रखने वाले मौलाना हिदायत उर रहमान बलूच नवंबर माह से ही 'ग्वादर को हक दो' आंदोलन का संचालन कर रहे हैं।  ग्वादर में हजारों बलोच लोग करीब पांच हफ्ते से विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। ये लोग ग्वादर के विकास के साथ ही साफ पानी की मांग कर रहे हैं। विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि 70 साल से अधिक बीत जाने के बाद भी हमें हमारे अधिकार नहीं दिए हैं। प्रदर्शनकारियों ने 19 मांगें रखी हैं, जिसमें समुद्र को ट्रॉलर माफिया से मुक्त करने के लिए कदम उठाना और मछुआरों को स्वतंत्र रूप से पानी में जाने की इजाजत देना शामिल है।

 

प्रदर्शनकारियों ने अनावश्यक चेक पोस्ट से छुटकारा पाने और सुरक्षा के नाम पर नागरिकों का अपमान नहीं करने की भी मांग रखी है। उन्होंने यह भी मांग की है कि ग्वादर में सभी शराब की दुकानों को बंद कर दी जाए। मांगों में यह भी कहा गया है कि चाइना ओवरसीज पोर्ट होल्डिंग कंपनी द्वारा नियोजित अधिकांश लोग ग्वादर के बाहर के हैं। ऐसे में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दी जाए।

 


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Content Writer

Tanuja

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