म्यांमार तख्तापलट पर चीन का अपना राग; UN में लगाया वीटो, कहा-" न भड़काएं तनाव "

punjabkesari.in Thursday, Feb 04, 2021 - 12:40 PM (IST)

बीजिंगः चीन ने बुधवार को कहा कि वह म्यांमार में सैन्य तख्तापलट की आलोचना के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के किसी भी सख्त प्रस्ताव के खिलाफ है और जोर दिया कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहिए जिससे वहां और तनाव भड़के तथा स्थिति जटिल हो।  चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पेश निंदा प्रस्ताव पर वीटो का इस्तेमाल करते हुए रोक लगा दी है।

 

अमेरिका-ब्रिटेन सहित सुरक्षा परिषद के कई अस्थायी सदस्यों ने म्यांमार में हुए सैन्य तख्तापलट की निंदा करते प्रस्ताव पेश किया था, लेकिन चीन ने साफ कर दिया कि उसे म्यांमार में लोकतंत्र बहाली से कोई लेनादेना नहीं।  म्‍यांमार में तख्‍तापलट की घटना को लेकर चीन ने एक बार दिखा दिया है कि उसकी लोकतंत्र या लोकतांत्रिक मूल्‍यों में कतई आस्‍था नहीं है। बता दें कि  म्यांमार  में तख्तापलट के खिलाफ जहां भारत सहित पूरी दुनिया आवाज उठा रही है, वहीं चीन  ने तानाशाह सेना को खुला समर्थन दे दिया है ।

 

 म्यांमार की सेना ने सोमवार को तख्तापलट करते हुए सू ची समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं को हिरासत में ले लिया था। चीन ने रूस के साथ मिलकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) को म्यांमार पर हुई बैठक के बाद तख्तापलट की आलोचना के लिए कड़ा बयान जारी करने से रोक दिया। चीन ने बैठक में क्या प्रस्ताव रखा था, यह पूछे जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने बुधवार को कहा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को म्यामां की सेना और सू ची के बीच मुद्दों के समाधान के लिए अनुकूल माहौल बनाना चाहिए। वांग ने कहा, ‘‘UNSC ने म्यांमार  पर आंतरिक बैठक की थी। चीन ने इस बैठक में शिरकत की।

 

चीन म्यांमार  का पड़ोसी और मित्र देश है। हमें उम्मीद है कि म्यांमार  में सभी पक्ष राजनीतिक और सामाजिक स्थिरता कायम रखते हुए राष्ट्र हित और जनहित में काम करेंगे। '' उन्होंने कहा, ‘‘अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को मुद्दे के समाधान के लिए अनुकूल माहौल बनाना चाहिए। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को तनाव भड़काने और हालात जटिल करने के बजाए राजनीतिक और सामाजिक स्थिरता के लिए काम करना चाहिए।'' वांग ने UNSC की अनौपचारिक बैठक में विचार-विमर्श का दस्तावेज बाहर आने पर भी हैरानी जतायी। उन्होंने कहा, ‘‘हम इसे एकजुटता के लिए अच्छा नहीं मानते और सुरक्षा परिषद में विश्वास की भावना होनी चाहिए।'' 


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Tanuja

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