चीन का PAK मीडिया पर भी कब्जा, पाकिस्तान में कई वेबसाइट्स और चैनल किए शुरू

punjabkesari.in Wednesday, Dec 15, 2021 - 04:33 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः दोस्ती की आड़ में पाकिस्तान को अपने ऋण जाल में फंसाने वाले चीन का अगला टारगेट अब पाक मीडिया है।  इमरान खान सरकार के साथ मिलकर चीन ने अब पाकिस्तान के मीडिया पर भी कंट्रोल करना शुरू कर दिया है। इसके लिए चीन-पाकिस्तान मीडिया कॉरिडोर (CPMC) बनाया गया है । मीडिया रिपोर्ट के अनुसार  चीन इस मीडिया कॉरीडोर के जरिए कोविड व आक्रमकता के कारण बिगड़ी अपनी  छवि को पाकिस्तान और दुनिया में सुधारना चाहता है। यही नहीं चीन CPMC का इस्तेमाल वेस्टर्न मीडिया के खिलाफ भी करना चाहता है।

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इस रिपोर्ट में चीन की साजिश का खुलासा इसलिए भी अहम हो जाता है क्योंकि बलूचिस्तान के ग्वादर समेत कई शहरों में 20 दिन से हजारों लोग रोज चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) के खिलाफ प्रदर्शन कर रह हैं और इंटरनेशनल मीडिया इसे कवरेज दे रहा है। चीन की मीडिया कंट्रोल करने की साजिश का खुलासा अमेरिकी अखबार ‘वॉशिंगटन टाइम्स’ ने किया है। वॉशिंगटन टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक चीन की कोशिश है कि वो पाकिस्तान के पूरे मीडिया पर कब्जा कर ले। इसके लिए सितंबर में उसने इमरान खान सरकार के साथ चाइना-पाकिस्तान मीडिया कॉरिडोर ग्रुप बनाया है।

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चीन की पहली कोशिश पाकिस्तान के लोकल मीडिया पर कब्जा करके अपनी इमेज बेहतर करना है। इमरान खान की सरकार मुल्क में महंगाई, विदेशी कर्ज और बेरोजगारी से परेशान है। लिहाजा वो भी चीन का साथ दे रही है। इसके लिए पाकिस्तान में सरकार का समर्थन करने वाले थिंक टैंक भी बनाए जा रहे हैं। पिछले हफ्ते ऐसे ही एक थिंक टैंक में इमरान ने डेढ़ घंटे लंबा भाषण दिया था।  चीन के सरकारी मीडिया हाउसेज उर्दू में सोशल मीडिया पोस्ट भी कर रहे हैं। यह शिन्हुआ न्यूज एजेंसी के सोशल मीडिया का उर्दू अकाउंट है। इन बातों का सबूत यह है कि चीन के सरकारी मीडिया हाउस अब उर्दू में भी न्यूज और एनालिसिस दे रहे हैं।

 

शिन्हुआ न्यूज एजेंसी, ग्वादर प्रो और चाइना ग्लोबल टीवी नेटवर्क इसके उदाहरण हैं। इमरान खान के दफ्तर में इसके लिए नोडल एजेंसी बनाई गई है। इसमें इन्फॉर्मेशन मिनिस्ट्री और CPEC अथॉरिटी के अफसर शामिल हैं।  दूसरी तरफ पाकिस्तान में चीन के एम्बेसेडर नॉन्ग रोंग का कहना है कि पाकिस्तान और चीन दोनों ही प्रोपेगैंडा का शिकार हैं। इसलिए ये जरूरी है कि इसके खिलाफ दोनों देशों के मीडिया ग्रुप्स एकजुट हों और मुकाबला करें। इसके जरिए हम सच को सामने ला सकते हैं और लोगों को इंसाफ दिला सकते हैं। इससे क्षेत्र में स्थिरता और शांति आएगी।
 

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रिपोर्ट के मुताबिक चीन के एम्बेसेडर भले ही कुछ भी दावा कर रहे हों लेकिन सच्चाई ये है कि चीन अब पाकिस्तानी मीडिया के वॉचडॉग के तौर पर काम कर रहा है। उसके हिसाब से न्यूज कंटेंट, प्रजेंटेशन और सेंसरशिप जैसी चीजें तय हो रही हैं। अवाम के रिएक्शन को थिंक टैंक्स और दूसरे सरकारी जरियों से मॉनिटर किया जा रहा है। इसके लिए चीन की एम्बेसी का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।


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Content Writer

Tanuja

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