चीन और जापान अपनी घटती जनसंख्या से परेशान, आंकड़ों ने उड़ाए दोनों देशों के होश

punjabkesari.in Wednesday, Jul 27, 2022 - 01:02 PM (IST)

बीजिंगः दुनिया की सबसे अधिक जनसंख्या वाले चीन और जापान अपने-अपने देश की  घटती आबादी को लेकर परेशान हैं। चीन को लेकर जहां उसकी सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स  ने बताया है कि चीन की जनसंख्या  रफ्तार सुस्त पड़ चुकी  है। ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक 2025 से पहले जनसंख्या घटने की उम्मीद भी जताई जा रही है। ग्लोबल टाइम्स ने बताया कि चीन के स्वास्थ्य विभाग  द्वारा जन्मदर को लेकर एक रिपोर्ट पेश की गई  जिसके अनुसार  2021 के दौरान चीन के कई प्रांतों में जन्मदर पहले के मुकाबले काफी कम रही है। रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया है कि इस दौरान जन्मदर के जो आकड़ें सामने आए हैं वो कई दशकों के मुकाबले बहुत कम हैं।

 

चीनी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने बताया कि  मध्य हुनान प्रांत में जन्म की संख्या पिछले 60 सालों में पहली बार पांच लाख से नीचे रही। रिपोर्ट में बताया गया कि केवल चीन के दक्षिणी गुआंगडोंग प्रांत में इस दौरान दस लाख से अधिक बच्चों ने जन्म लिया है। गौरतलब है कि चीन सालों से जनसंख्या वृद्धि में तेजी से कमी को दूर करने के लिए जूझ रहा है, क्योंकि कई युवा लोग अधिक खर्चे और काम के दबाव के कारण बच्चा पैदा नहीं करने के विकल्प को चुनते हैं। ग्लोबल टाइम्स ने चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग में जनसंख्या और पारिवारिक मामलों के प्रमुख यांग वेनज़ुआंग का हवाला देते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है कि 2021-25 में चीन की आबादी घट सकती है।

 

वहीं जापान के लैंगिक समानता और बच्चों के मुद्दों की मंत्री सीको नोडा ने देश में रिकार्ड कम जन्मदर और घटती आबादी को एक राष्ट्रीय संकट बताया। उन्होंने उपेक्षा के लिए पुरुष प्रधान जापानी संसद में 'उदासीनता और अज्ञानता' को जिम्मेदार ठहराया। एसोसिएटेड प्रेस के साथ एक व्यापक साक्षात्कार में, सेको नोडा ने जापान में पैदा होने वाले बच्चों की लगातार घटती संख्या को एक संभावित खतरे के रूप में दर्शाते हुए उन्होंने कहा कि अगर ऐसी ही स्थिति रहती है तो देश में आने वाले दशकों में पर्याप्त सैनिक, पुलिस या अग्निशामक नहीं होंगे।

 
उन्होंने कहा कि पिछले साल नवजात शिशुओं की संख्या द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के ठीक बाद 2.7 मिलियन से भी कम 810,000 थी, जो एक रिकार्ड है। इससे पहले इतने कम शिशु किसी भी साल पैदा नहीं हुए। 61 वर्षीय नोडा ने टोक्यो के सरकारी परिसर में एक कैबिनेट कार्यालय में एपी को बताया कि लोग कहते हैं कि बच्चे एक राष्ट्रीय खजाना हैं। उनका कहना है कि लैंगिक समानता के लिए महिलाएं महत्वपूर्ण हैं। लेकिन वे सिर्फ बातें कर रहे हैं। जापान की राजनीति तब तक नहीं चलेगी जब तक बच्चों और महिलाओं की समस्याएं दिखाई नहीं देंगी। उन्होंने कहा कि जापान में कम जन्मदर, लगातार लैंगिक पूर्वाग्रह और जनसंख्या में गिरावट के कई कारण हैं, 'लेकिन संसद में होने के नाते, मुझे विशेष रूप से लगता है कि उदासीनता और अज्ञानता प्रमुख कारण है।'


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Content Writer

Tanuja

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