OBOR में शामिल होने पर नेपाल ने दी ये सफाई

punjabkesari.in Sunday, May 14, 2017 - 01:29 PM (IST)

पेइचिंग: भारत के विरोध के बावजूद चीन के वन बेल्ट वन रोड प्रॉजेक्ट का हिस्सा बने नेपाल ने अपने फैसले को सही ठहराया है। नेपाल ने कहा कि वह चीन को नजरअंदाज नहीं कर सकता है क्योंकि चीन ना केवल एक महान आर्थिक शक्ति है बल्कि वह उसका पड़ोसी भी है।


भारत की OBOR पर सबसे बड़ी चिंता CPEC
नेपाल भारत को कभी चोट नहीं पहुंचाएगा लेकिन साथ ही नेपाल चीन जैसी आर्थिक महाशक्ति को नजरअंदाज भी नहीं कर सकता है। नेपाल को बड़े पैमाने पर विदेशी निवेश और विकास की दरकार है।' भारत की OBOR पर सबसे बड़ी चिंता CPEC को लेकर है जोकि वन बेल्ट वन रोड परियोजना का ही हिस्सा है। CPEC पाकिस्तान के नियंत्रण वाले गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र से गुजरता है जिस पर भारत अपना दावा पेश करता है।


बता दें कि OBOR समिट के लिए नेपाल ने अपने प्रतिनिधि के तौर पर उप-प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री कृष्णा बहादुर को भेजा है। मीडिया से बातचीत करते हुए भारत में नेपाल के राजदूत दीप कुमार उपाध्याय ने कहा,'नई दिल्ली की OBOR पर प्रमुख आपत्तियां चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) को लेकर हैं। उपाध्याय ने कहा, हम CPEC पर भारत के विरोध से अवगत हैं लेकिन नेपाल OBOR में शामिल होकर इस मुद्दे पर कोई पक्ष नहीं लेने जा रहा है। हम चाहते हैं कि दोनों देश आपसी मतभेद मित्रतापूर्ण सुलझा लें। उपाध्याय ने बताया, नेपाल को अगर आर्थिक फायदा चाहिए तो उसके लिए जरूरी है कि वह उत्तर के पड़ोसियों के साथ भी बेहतर संबंध बनाए। भारत के दूसरे पड़ोसी जैसे श्रीलंका ने भी OBOR का समर्थन किया है।  


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